HP News: ऊना का ऐसा गांव जहां एक भी मुसलमान नहीं रहता, फिर भी रातोंरात बन गई मस्जिद; आखिर हिमाचल में क्या चल रही साजिश
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HP News: ऊना का ऐसा गांव जहां एक भी मुसलमान नहीं रहता, फिर भी रातोंरात बन गई मस्जिद; आखिर हिमाचल में क्या चल रही साजिश

Mosque Controversy in Una Basoli Village: हिमाचल प्रदेश के ऊना के एक गांव में एक भी मुस्लिम नहीं रहता. इसके बावजूद वहां पर चुपके- चुपके काम करते हुए मस्जिद खड़ी कर दी गई है. इस मस्जिद पर अब बवाल शुरू हो गया है.

 

HP News: ऊना का ऐसा गांव जहां एक भी मुसलमान नहीं रहता, फिर भी रातोंरात बन गई मस्जिद; आखिर हिमाचल में क्या चल रही साजिश

How Mosque was built in Una Basoli Village: हिमाचल प्रदेश इस वक्त मस्जिदों से जुड़े विवादों से घिरा पड़ा है. एक विवाद संजोली में तो दूसरा ऊना जिले में. एक तरफ जहां आज शिमला के संजौली मस्जिद को लेकर जो समुदाय आमने सामने हैं.. इस मामले पर आज सुनवाई हुई तो वहीं ऊना में एक मस्जिद को गिराने के लिए स्थानीय लोगों ने प्रशासन को अल्टिमेटम दे दिया.

ऊना में चोरी छिपे बना दी गई मस्जिद

एक तरफ जहां बीते करीब एक महीने से मस्जिद विवाद को लेकर हिमाचल का संजौली सुलग रहा था वहीं अब ऊना जिले में एक मस्जिद को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. ऊना जिले के एक गांव में चोरी छिपे एक मस्जिद का निर्माण कर दिया गया.

एक खाली प्लॉट पर साल दर साल धीरे धीरे एक बिल्डिंग बनाई जा रही थी. लेकिन बीते कुछ दिनों में जब लोगों की नजर इस पर पड़ी तो एक मस्जिद बनकर तैयार थी. लोगों ने अपने इलाके में मस्जिद निर्माण का विरोध किया है. सवाल उठाए जा रहे हैं कि कि जब इलाके में एक भी मुसलमान नहीं है तो फिर मस्जिद का क्या काम है.

एक भी मुस्लिम नहीं, फिर कैसे बन गई इमारत

हिमाचल प्रदेश के उना जिले का बसोली गांव में 100 फीसदी हिंदू आबादी है. इसके बावजूद इस गांव में एक मस्जिद बनकर तैयार हो गई है. झाडियों के बीच खाली प्लॉट पर एक मस्जिद बना दी गई है. हिंदुओं के गांव में बन रही मस्जिद पर जब लोगों की नजर पड़ी तो लोग हैरान परेशान रह गए और जिला प्रशासन को मस्जिद हटाने का ज्ञापन सौंपा.

गांव में रहने वाले लोगों का कहना है कि जब गांव में एक भी मुसलमान नहीं है तो फिर मस्जिद बनाने का मकसद क्या है. जब यहां नमाज पढ़ने वाला कोई है ही नहीं तो फिर इसे बनाने का मकसद क्या है. स्थानीय लोगों ने इस मस्जिद के खिलाफ एक्शन की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन भी किया था.

वर्ष 2010 में जमीन खरीदकर गुपचुप हुआ निर्माण

दरअसल इस जमीन को 2010 में बेचा गया था. उस वक्त एक मुस्लिम शख्स ने जमीन को खरीदा था. इसके बाद जमीन पर निर्माण कार्य शुरू हुआ. सड़क से दूर इस प्लॉट के निर्माण पर किसी की नजर नहीं पड़ी और देखते ही देखते यहां मस्जिद खड़ी हो गई. अब निर्माण पूरा होने पर लोगों की नजर पड़ी तो मामला गरमाया. लोगों ने जिला प्रशासन को मस्जिद हटाने के लिए सात दिन का अल्टिमेटम दिया था.. लेकिन अब ये मोहलत पूरी होने के बाद लोगों का गुस्सा चरम पर है.

लोगों की मांग पर प्रशासन भी असमंजस में

अब एक प्राइवेट प्रॉपर्टी पर बनी इस मस्जिद को कैसे गिराया जाए, इसे लेकर जिला प्रशासन भी परेशान है. मस्जिद वाली जगह पर एसडीएम ने निरिक्षण किया है और डीएम को रिपोर्ट सौंपने की तैयारी है. लेकिन यहां सवाल तो ये उठता है कि बिना मुस्लिम आबादी के मस्जिद का निर्माण क्यों किया गया? क्या मस्जिद के आसपास मुसलमानों को बसाने का प्लान है? क्या ऊना की डेमोग्राफी बदलने की साजिश रची जा रही है?

(ऊना से राकेश माल्ही की रिपोर्ट)

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