Wayanad Landslide Latest Update: केरल के वायनाड में भूस्खलन से चारों तरफ तबाही ही तबाही है. कुदरती आफत से अब तक 151 से ज्यादा लोगों की मौत ही चुकी है. हादसे के बाद से अब तक 481 लोगों को बचाया गया है और सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जा चुका है, जबकि 98 लोग अब भी लापता हैं, जिनके मलबे में फंसे होने की आशंका है. वायनाड में लैंडस्लाइड के बाद भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और एनडीआरएफ (NDRF) के जवान देवदूत बने हैं और लगातार मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं.
- वायनाड में अब भी रुक-रुककर बारिश हो रही है. इस वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत हो रही है. बारिश के कारण जवानों को रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी हो रही है. सेना हेलीकॉप्टर की मदद से फंसे लोगों तक लगातार पहुंचने की कोशिश कर रही है. ऑपरेशन के लिए करीब 225 लोगों की तैनाती है, जिन्हे चार टुकड़ियों में बांटा गया है और मुश्किल में फंसे लोगों को निकाला जा रहा है. इसके बाद उन्हें हवाई मार्ग से भेजा जा रहा है. वायुसेना के विशेष विमान ने घटनास्थल पर राहत सामग्री पहुंचाया है. 481 लोगों को बचाया गया है, जबकि 3069 लोगों को अब तक सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जा चुका है. 98 लोग अब भी लापता हैं, जिनके मलबे में फंसे होने की आशंका है. स्थानीय आपदा मोचन बल के जवान भी राहत और बचाव कार्य चला रहे हैं. लेकिन, बारिश की वजह से कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
- केरल के पर्वतीय वायनाड जिले में मंगलवार तड़के कई जगहों पर भारी बारिश के बाद हुईं भूस्खलन की घटनाएं हुईं. सैकड़ों लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका के कारण मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. भूस्खलन की घटनाएं मंगलवार तड़के हुईं जिससे अपने घरों में सो रहे लोगों को बचने का मौका भी नहीं मिल पाया. तीन भूस्खलनों ने वायनाड के चूरालमाला, मुंडाक्कई जैसे इलाकों में भारी तबाही मचाई है. भूस्खलन ने तबाही के निशान छोड़े हैं. कई मकान जमींदोज हो गए, नदियां उफान पर हैं और कई पेड़ उखड़ गए हैं.
- सेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के बचाव दल खराब मौसम के बीच पीड़ितों की तलाश कर रहे हैं और पीड़ित लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए कई एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया कि वायनाड जिले में स्थापित 45 राहत शिविरों में 3,000 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया गया है. उन्होंने बताया कि पहला भूस्खलन तड़के दो बजे हुआ, उसके बाद दूसरा भूस्खलन सुबह चार बजकर दस मिनट पर हुआ. मुख्यमंत्री ने बताया कि मेप्पाडी, मुंदक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों से संपर्क टूट गया है और चूरलमाला-मुंदक्कई सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है.
- वायनाड में लैंडस्लाइड के बाद केरल में राजकीय शोक की घोषणा की गई है. आज (31 जुलाई) सभी सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे और झंडा आधा झुका रहेगा. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि राज्य सरकार इस घटना से बहुत दुखी है, जिसमें कई लोगों की जान चली गई है और संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है. मुख्य सचिव वी. वेनू द्वारा मंगलवार को जारी एक आधिकारिक अधिसूचना में 30 और 31 जुलाई को राजकीय शोक घोषित किया गया है. प्रोटोकॉल के अनुसार, इन दो दिनों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और सभी सरकारी कार्यक्रमों को रद्द किया जाएगा.
- केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान आज (31 जुलाई) वायनाड जाएंगे और घटनास्थल का जायजा लेंगे. राज्यपाल आरिफ मोहम्मद घायलों से भी मुलाकात कर सकते हैं. अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं.
- राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का वायनाड जाने का कार्यक्रम रद्द हो गया है. खराब मौसम के कारण राहुल और प्रियंका फिलहाल वायनाड नहीं जाएंगे. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'प्रियंका और मैं भूस्खलन से प्रभावित परिवारों से मिलने और स्थिति का जायजा लेने के लिए वायनाड जाने वाले थे. हालांकि, लगातार बारिश और प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण हमें अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया है कि हम उतर नहीं पाएंगे. मैं वायनाड के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम जल्द से जल्द वहां जाएंगे. इस बीच, हम स्थिति पर बारीकी से नजर रखेंगे और सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे. इस कठिन समय में हमारी संवेदनाएं वायनाड के लोगों के साथ हैं.'
- एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र के अनुसार, जिले के मेप्पडी के पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद कई भूस्खलन हुए हैं, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है. सूत्र ने बताया कि बचावकर्मियों को नदियों और कीचड़ से लोगों के अंग बरामद हो रहे हैं, इसलिए इस त्रासदी में मारे गए लोगों की सही संख्या का पता लगाना मुश्किल है. सूत्र ने बताया कि यह स्पष्ट नहीं है कि जो अंग मिल रहे हैं, वे एक ही व्यक्ति के हैं या कई व्यक्तियों के हैं. उसने बताया कि मृतकों में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं और उनकी पहचान तथा पोस्टमार्टम के लिए के लिए शवों को विभिन्न अस्पतालों के मुर्दाघरों में ले जाया जा रहा है.
- बचाव दल मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. भारतीय सेना भी बचाव अभियान में शामिल हो गई है. राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के अलावा पुलिस तथा दमकल कर्मियों को प्रभावित इलाकों में तैनात किया है. लोग फोन पर मदद की गुहार लगा रहे हैं और बचावकर्मी मलबे से लोगों को निकालने की कोशिशों में जुटे हैं. टेलीविजन चैनलों ने कई लोगों की फोन पर बातचीत प्रसारित की, जिसमें वे रो रहे थे और किसी से आकर उन्हें बचाने का अनुरोध कर रहे थे, क्योंकि वे या तो अपने घरों में फंस गए या पुलों के बह जाने और सड़कों के जलमग्न होने के कारण उनके पास वहां से निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा है.
- इस बीच, केरल सरकार ने बचाव अभियान में रक्षा बलों की मदद मांगी है. 122 इन्फैंट्री बटालियन (टीए) मद्रास की सेकेंड-इन-कमांड के नेतृत्व में 43 कर्मियों की एक टीम को बचाव प्रयासों में सहायता के लिए तैनात किया गया है. रक्षा सुरक्षा कोर (डीएससी) केंद्र, कन्नूर और कोझिकोड से प्रादेशिक सेना के 200 सैनिकों की अतिरिक्त टुकड़ियों, चिकित्सा दलों और उपकरणों को बचाव प्रयासों में लगाया गया है. फंसे हुए लोगों को तेजी से निकालने के लिए सुलूर के वायुसेना स्टेशन से भारतीय वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर को प्रभावित इलाके में भेजा गया है. केरल सरकार के अनुरोध पर एझीमाला नौसैन्य अकादमी से नौसेना का एक दल भी बचाव प्रयासों में मदद करेगा. (इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)