Delhi News: दिल्ली में मंदिरों के बाद अब DDA दफ्तर, DTC बस अड्डे पर भी वक्फ ने ठोका दावा, ग्राउंड रिपोर्ट में हुए हैरतअंगेज खुलासे
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Delhi News: दिल्ली में मंदिरों के बाद अब DDA दफ्तर, DTC बस अड्डे पर भी वक्फ ने ठोका दावा, ग्राउंड रिपोर्ट में हुए हैरतअंगेज खुलासे

Waqf Board Latest News: दिल्ली में वक्फ बोर्ड की नई- नई साजिशें खुलकर सामने आ रही हैं. पहले उसने दिल्ली के मंदिरों पर अपना दावा ठोंका. अब ज़ी न्यूज की पड़ताल में पता चला है कि उसने तमाम सरकारी दफ्तरों को भी अपनी जागीर बताते हुए नोटिस जारी कर रखा है. 

Delhi News: दिल्ली में मंदिरों के बाद अब DDA दफ्तर, DTC बस अड्डे पर भी वक्फ ने ठोका दावा, ग्राउंड रिपोर्ट में हुए हैरतअंगेज खुलासे

Difference between Waqf Act and new bill: वक्फ संशोधन बिल का प्रस्ताव आते ही वक्फ बोर्ड तिलमिला उठा है. वह इसे मुसलमानों के खिलाफ बताते हुए लोगों को लामबंद करने में लगा हुआ है. हालांकि साल 2019 में दिल्ली अल्प संख्यक कल्याण बोर्ड की एक रिपोर्ट में जो दावे किए गए हैं उसे देखकर तो यही समझ आता है कि ना खाता ना बही... वक्फ बोर्ड जो कह दे वही सही.

वक्फ यानी दान के नाम पर जमीन और संपत्ति हासिल करके वक्फ बोर्ड देश की तीसरी बड़ी प्रॉपर्टी का मालिक बन बैठा है. लेकिन लालच और साजिश की इंतहा देखिए कि दिल्ली वक्फ बोर्ड राजधानी में मंदिर और हिंदू प्रॉपर्टी के साथ साथ DDA के दफ्तर, डीटीसी बस अड्डा यहां तक की एमसीडी के कूड़ाघर को अपनी प्रॉपर्टी बता रहा है.

दिल्ली के सरकारी दफ्तरों पर वक्फ बोर्ड का दावा

दिल्ली सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय की साल 2019 में सौंपी गई रिपोर्ट में इसके बारे में बताया गया है. इस रिपोर्ट के पेज 34 पर बताया गया है दिल्ली के मंगलापुरी इलाके का खसरा नंबर 163 वक्फ बोर्ड की जमीन के रूप में दर्ज है. लेकिन इस जमीन पर DDA का दफ्तर, सड़क, डीटीसी का बस अड्डा और MCD का कूड़ेदान वक्फ की जमीन पर कब्जा करके बनाया गया है.

अब आपको वक्फ के दावे वाली जगह के बारे में बताते हैं. मंगलपुरी की वो सड़क जिस पर अभी गाड़ियां दौड़ रही हैं. बस, कार, साइकिल चल रही है. लेकिन वक्फ इसे अपनी जमीन बता रहा है. अब इस सरकारी दफ्तर को देखिए. नाम है दिल्ली विकास प्राधिकरण यानी DDA. लेकिन वक्फ के मुतवल्लियों के मुताबिक ये भी उसकी ही जमीन पर अतिक्रमण करके बना है.

एमसीडी के कूड़ेघर को भी नहीं बख्शा, बताया अपनी जागीर

सिर्फ इतना ही नहीं दिल्ली वक्फ बोर्ड ने मंगलापूरी के दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन यानी डीटीसी बस अड्डे की जमीन पर भी अपना दावा ठोक दिया है. और तो और वक्फ बोर्ड ने दिल्ली में एमसीडी के कूड़ाघर को भी नहीं बख्शा. कूड़े के ढेर के नीचे दबी जमीन को भी वक्फ ने अपनी जागीर बता दिया.

आज की तारीख में वक्फ के पास जमीन और संपत्तियों को लेकर असीमित ताकत है. अब इस मनमानी को खत्म करने के लिए वक्फ संशोधन बिल में वक्फ कानून 1995 के सेक्शन 40 को हटाया जा रहा है. इस कानून के तहत वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित करने का अधिकार था.

अधिनियम की इस धारा में बोर्ड को असीमित अधिकार

 दरअसल देश में वक्फ अधिनियम की धारा 40 पर सबसे ज्यादा विवाद है. इस अधिनियम की धारा 40 में प्रावधान है कि अगर वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति समझता है तो उस पर दावा कर सकता है. धारा 40 वक्फ बोर्ड को अधिकार देता है कि संपत्ति पर नोटिस देकर और फिर जांच करके वक्फ की प्रॉपर्टी तय कर सकता है कि वो वक्फ की जमीन है. वक्फ ये भी तय कर सकता है कि ये शिया वक्फ है या फिर सुन्नी. 

वक्फ बोर्ड कानूनी रूप से बहुत ताकतवर है. यही वजह भी है अगर किसी मस्जिद या कब्रिस्तान के आस-पास किसी की जमीन है तो आस-पास के लोग वक्फ बोर्ड नाम से घबराते हैं. वो इस बात से डरते हैं कि वक्फ बोर्ड कहीं उनकी जमीन न ले ले. जिस तरह से राजधानी में वक्फ के झूठे दावों का खुलासा हुआ है उसने जमीन और संपत्ति को लेकर वक्फ की साजिशों की पोल खोल दी है.

नए वक्फ बिल से क्या- क्या बदल जाएगा?

वक्फ पर विवाद के बाद अब जानिए कि पुराने और नये कानून में बड़े अंतर क्या-क्या हैं..और इनका विरोध क्यों हो रहा है. पहले किसी प्रॉपर्टी पर वक्फ बोर्ड के दावे के बाद सिर्फ ट्रिब्यूनल में ही अपील संभव थी. उसी का फैसला आखिरी था. पर अब हाईकोर्ट में अपील करने का अधिकार है. पहले वक्फ संपत्ति के लिये सर्वे का जिम्मा वक्फ बोर्ड के ही पास था लेकिन अब जिला कलेक्टर सर्वे करेंगे. 

पहले वक्फ बोर्ड में महिलाओं को एंट्री नहीं थी. अब केंद्रीय परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड में 2 महिला मेंबर का होना अनिवार्य है. अब तक ताकतवर मुसलमानों ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर कब्जा कर रखा था. बदले में वक्फ को बहुत ही कम किराया मिलता था. जबकि नये बिल से पारदर्शिता आएगी और वंचित मुसलमानों को फायदा मिलेगा. 

वक्फ बोर्ड में 2 गैर मुस्लिम सदस्य अनिवार्य

अब तक वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिमों की एंट्री नहीं थी. लेकिन नये बिल में 2 गैर मुस्लिम सदस्य अनिवार्य हैं. ये वो बड़े बदलाव हैं जो वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के पास होने के बाद दिख सकते हैं. हालांकि इस बिल पर चर्चा शुरु होते ही संसद के अंदर और बाहर वोट बैंक बचाने की लड़ाई शुरु हो गई है.

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