Mauni Amavasya 2024: साल 2024 में माघी अमावस्या कब है? यहां जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
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Mauni Amavasya 2024: साल 2024 में माघी अमावस्या कब है? यहां जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Maghi Amavasya 2024: माघ महीने की अमावस्या तिथि 9 फरवरी 2023 को है. माघ मास में पड़ने के कारण इसे माघी अमावस्या (Maghi Amavasya) या मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के नाम से भी जाना जाता है.   

Mauni Amavasya 2024

Mauni Amavasya 2024: हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या (Maghi Amavasya 2024) का खास महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या कहा जाता है. इस दिन गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों, जलाशय अथवा कुंड में स्नान करना चाहिए. इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है. आइये जानते हैं साल 2024 में माघ अमावस्या कब है. 

माघी अमावस्या 2023 तिथि व शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या शुक्रवार, फरवरी 9, 2024 को
अमावस्या तिथि प्रारम्भ - फरवरी 09, 2024 को 08:02 एएम बजे 
अमावस्या तिथि समाप्त - फरवरी 10, 2024 को 04:28 एएम बजे 

सूर्योदय: 07:05 एएम 
सूर्यास्त: 06:06 पीएम

शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त- 05:21 एएम से 06:13 एएम 
प्रातः सन्ध्या-  05:47 एएम से 07:05 एएम
अभिजित मुहूर्त-  12:13 पीएम से 12:58 पीएम 
विजय मुहूर्त- 02:26 पीएम से 03:10 पीएम
गोधूलि मुहूर्त-  06:04 पीएम से 06:30 पीएम 
सायाह्न सन्ध्या- 06:06 पीएम से 07:24 पीएम
अमृत काल- 02:17 पीएम से 03:42 पीएम 
निशिता मुहूर्त- फरवरी 10, 12:09 एएम से 01:01 एएम
सर्वार्थ सिद्धि योग- 07:05 एएम से 11:29 पीएम    

क्यों कहते हैं मौनी अमावस्या? 
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था. मनु शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई थी इसलिए कहा जाता है कि इस दिन मौन व्रत करने से मुनि पद की प्राप्ति होती है. इस तिथि पर मौन धारण कर मुनियों के समान आचरण करते हुए स्‍नान करना चाहिए. यही कारण है कि माघ मास के कृष्‍ण पक्ष की अमावस्‍या तिथि मौनी अमावस्‍या कहलाती है.

मौनी अमावस्‍या का महत्त्व 
सभी अमावस्या तिथियों में मौनी अमावस्या को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. शास्त्रों में मौनी अमावस्‍या के दिन प्रयागराज के संगम में स्‍नान का विशेष महत्‍व बताया गया है. इस दिन यहां देव और पितरों का संगम होता है. शास्‍त्रों के मुताबिक, माघ मास में देवता प्रयागराज आकर अदृश्‍य रूप से संगम में स्‍नान करते हैं. इस दिन पितर पितृलोक से संगम में स्‍नान करने आते हैं. इस तरह देवता और पितरों का इस दिन संगम होता है. 

गंगा स्नान का है खास महत्व 
मान्यता है कि माघ मास में देवता पृथ्वी पर निवास करते हैं. इस दौरान गंगा में डुबकी लगाने से व्यक्ति पाप मुक्त होकर स्वर्ग की प्राप्ति होती है. 

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