Maha Kumbh 2025: जूना अखाड़े से निकाले गए IIT वाले बाबा, पढ़ें इस एक्शन के पीछे की पूरी कहानी
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2607659

Maha Kumbh 2025: जूना अखाड़े से निकाले गए IIT वाले बाबा, पढ़ें इस एक्शन के पीछे की पूरी कहानी

IITian Baba Abhay: प्रयागराज महाकुंभ में IIT वाले बाबा के नाम से चर्चा में आए अभय सिंह को जूना अखाड़े ने निष्काषित कर दिया है.उन्होंने IIT बॉम्बे से इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी. जानें अखाड़े ने क्यों किया ऐसा..

IIT BABA

Maha kumbh 2025: सोशल मीडिया पर काफी चर्चित इंजीनियर बाबा अभय सिंह शनिवार को जूना अखाड़े से निष्कासित कर दिए गया है.  अखाड़ा ने गुरु के प्रति अपशब्दों के प्रयोग को संज्ञान लेकर उन्हें निष्कासित कर दिया. उनके अखाड़ा शिविर और उसके आस-पास आने पर रोक लगा दी गई है. यह जानकारी अखाड़े के सचिव हरि गिरि ने दी है. अखाड़े का कहना है कि संन्यास में अनुशासन और गुरु के प्रति समर्पण महत्वपूर्ण है.  इसका पालन न करने वाला संन्यासी नहीं बन सकता.महाकुंभ 2025 में शामिल हुए IIT बाबा कुछ दिन पहले ही इंटरनेट पर खूब वायरल हो रहे थे. उन्होंने IIT बॉम्बे से इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी.

आखिर क्यों लगाई गई  रोक?
आईआईटी वाले बाबा ने परिवार और माता-पिता के साथ ही गुरु को लेकर कुछ ऐसे बयान दिए जो चर्चा का विषय बन गए हैं. इसे लेकर संतों ने भी आपत्ति जताई. अखाड़े ने कहा कि माता-पिता और गुरु का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. इस पूरे मामले को लेकर अखाड़े का कहना है कि संन्यास में अनुशासन और गुरु के प्रति समपर्ण महत्वपूर्ण है. इसका पालन न करने वाला संन्यासी नहीं बन सकता है.बाबा को अखाड़ा शिविर व उसके आस-पास आने पर रोक लगा दी गई है.

महाकुंभ के पवित्र गंगाजल का घर में कहां रखें, इस दिशा में रखेंगे तो होगी बरकत 

क्या बोले पंच दशनाम जूना अखाड़े के संत? 
श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के प्रमुख संत हरि गिरि जी महाराज ने मीडिया को बताया कि अपने गुरु का असम्मान करने और अखाड़े की परंपरा को तोड़ने का हक किसी को भी नहीं है. वह अखाड़े के अनुशासन को तोड़ रहे थे. अभय सिंह गुरु शिष्य परंपरा से परे हटकर काम कर रहे थे. यह संन्यास के सिद्धांतों के खिलाफ है.संत हरी गिरि ने कहा कि अपने गुरु के प्रति असम्मान का मतलब है कि सनातन धर्म और अखाड़ा की परंपरा के प्रति असम्मान. अखाड़े में अनुशासन ही सर्वोत्तम परंपरा है. 

किस वजह से चर्चा में आए?
एक चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी जिंदगी में वैराग्य का भाव उसी समय आने लगा था, जब उन्होंने अपने घर में माता-पिता के बीच झगड़े को देखा. सोचा कि अगर झगड़ा ही करना है, तो फिर शादी क्यों की. उन्होंने कहा था कि माता-पिता भगवान से बड़े नहीं हो सकते हैं. इसके अलावा उन्होंने अपने गुरु को लेकर भी अमर्यादित बयान दिए थे. जूना अखाड़े ने इस मामले में सख्त एक्शन लेते हुए उन्हें निष्कासित कर दिया. अब वह जूना अखाड़े से जुड़े संत नहीं हैं.

देर रात अखाड़े की अनुशासन कमेटी का फैसला
अखाड़े की अनुशासन कमेटी ने इस पर शनिवार को बैठक की थी. बैठक के बाद पंच परमेश्वर का फैसला अभय सिंह को अखाड़े से निष्कासित करने को लेकर आया है. 

कौन हैं इंजीनियर बाबा?
इंजीनियर बाबा का असली नाम अभय सिंह है. उनके इंस्टाग्राम हैंडल के मुताबिक, वह मूलरूप से हरियाणा के रहने वाले हैं. अभय सिंह ने कई मीडिया इंटरव्यू में दावा किया है कि उन्होंने IIT बॉम्बे से इंजीनियरिंग की है. 

क्या कहता है परिवार?
परिवार के मुताबिक अभय करीब 11 महीने पहले सभी के संपर्क से दूर हो गए. उनका कुछ भी नहीं पता चला था. महाकुंभ से उनका वीडियो वायरल होने के बाद उनके पिता कर्ण सिंह प्रयागराज पहुंचे थे. इस बीच उन्हें पता चला कि अभय सिंह महाकुंभ छोड़कर कही जा चुके हैं.

Maha Kumbh 2025: नहीं जा पा रहे महाकुंभ तो रोज स्नान करते समय पढ़ें ये शक्तिशाली मंत्र, घर ही बन जाएगा प्रयागराज! 

पांच अग्निपरीक्षा से गुजरते हैं नागा साधु, तंग तोड़-दंडी संस्कार जैसे इम्तेहान, जानें नागा साधुओं का इतिहास 

Trending news