Guruwar ke Upay: गुरुवार को जरूर करें श्री हरि शरणाष्टकम् का पाठ, जीवन से मिट जाएंगे सारे कष्ट
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2076747

Guruwar ke Upay: गुरुवार को जरूर करें श्री हरि शरणाष्टकम् का पाठ, जीवन से मिट जाएंगे सारे कष्ट

आज पौष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है. आज दिन गुरुवार है. हिंदू धर्म में यह दिन भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) को समर्पित होता है. भगवान विष्णु को जगत का पालनहार कहते हैं. श्रीहरि ही सृष्टि का संचालन करते हैं.

Guruwar ke Upay

Guruwar ke Upay: आज पौष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है. आज दिन गुरुवार है. हिंदू धर्म में यह दिन भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) को समर्पित होता है. भगवान विष्णु को जगत का पालनहार कहते हैं. श्रीहरि ही सृष्टि का संचालन करते हैं. विष्णु जी को प्रसन्न करने के लिए जातक बृहस्पतिवार का व्रत रखते हैं. उनके आशीर्वाद से व्यक्ति के जीवन में किसी प्रकार का कोई संकट नहीं आता है. अगर आप भी श्रीहरि का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो गुरुवार को श्री हरि शरणाष्टकम् का पाठ जरूर करें. मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को धन-दौलत, यश और समृद्धि मिलती है. 

॥ श्री हरि शरणाष्टकम् ॥
ध्येयं वदन्ति शिवमेव हि केचिदन्येशक्तिं गणेशमपरे तु दिवाकरं वै।
रूपैस्तु तैरपि विभासि यतस्त्वमेवतस्मात्त्वमेव शरणं मम दीनबन्धो॥1॥
नो सोदरो न जनको जननी न जायानैवात्मजो न च कुलं विपुलं बलं वा।
संदृष्यते न किल कोऽपि सहायको मेतस्मात्त्वमेव शरणं मम दीनबन्धो॥2॥
नोपासिता मदमपास्य मया महान्तस्तीर्थानिचास्तिकधिया न हि सेवितानि।
देवार्चनं च विधिवन्न कृतं कदापितस्मात्त्वमेव शरणं मम दीनबन्धो॥3॥
दुर्वासना मम सदा परिकर्षयन्तिचित्तं शरीरमपि रोगगणा दहन्ति।
सञ्जीवनं च परहस्तगतं सदैवतस्मात्त्वमेव शरणं मम दीनबन्धो॥4॥
पूर्वं कृतानि दुरितानि मया तु यानिस्मृत्वाखिलानि ह्रदयं परिकम्पते मे।
ख्याता च ते पतितपावनता तु यस्मात्तस्मात्त्वमेव शरणं मम दीनबन्धो॥5॥
दुःखं जराजननजं विविधाश्च रोगा:काकश्वसूकरजनिर्निरय च पात:।
त्वद्विस्मॄतेः फलमिदं विततं हि लोकेतस्मात्त्वमेव शरणं मम दीनबन्धो॥6॥
नीचोऽपि पापवलितोऽपि विनिन्दितोऽपिब्रूयात्तवाहमिति यस्तु किलैकवारम्।
तं यच्छसीश निजलोकमिति व्रतं तेतस्मात्त्वमेव शरणं मम दीनबन्धो॥7॥
वेदेषु धर्मवचनेषु तथागमेषुरामायणेऽपि च पुराणकदम्बके वा।
सर्वत्र सर्वविधिना गदितस्त्वमेवतस्मात्त्वमेव शरणं मम दीनबन्धो॥8॥
॥ इति श्रीमत्परमहंसस्वामिब्रह्मानन्दविरचितं श्रीहरिशरणाष्टकं सम्पूर्णम् ॥

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 

Ram Mandir: नहीं थम रहा रामलला के लिए उपहारों का सिलसिला, इतने किलो की सोने की तलवार पहुंची अयोध्या

Trending news