Republic Day 26 January 2025: इस साल गणतंत्र दिवस पर भारत दुनिया को अपनी ताकत दिखाने जा रहा है. पहली बार परेड में 'प्रलय मिसाइल' शामिल होगी. जो दुश्मनों के लिए एक कठोर संदेश है. डीआरडीओ द्वारा विकसित यह मिसाइल भारत की रक्षा शक्ति और स्वदेशी तकनीक का बेहतरीन उदाहरण है. इसकी ताकत और सटीकता से दुश्मनों की नींद उड़ जाएगी.
गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार 'प्रलय मिसाइल' को प्रदर्शित किया जाएगा. यह भारत की स्वदेशी तकनीक और सैन्य ताकत का प्रतीक है. यह मिसाइल दुश्मन के ठिकानों पर सटीक वार करने में सक्षम है.
'प्रलय' मिसाइल को भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है. यह मिसाइल भारत की रक्षा जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई गई है, खासतौर पर चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों से निपटने के लिए.
यह मिसाइल 350-500 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है और 500-1,000 किलोग्राम तक का पेलोड ले जाने में सक्षम है. ठोस ईंधन से चलने वाली यह मिसाइल सतह से सतह पर सटीकता के साथ वार करती है.
'प्रलय' को चीन की 'डोंग फेंग 12' और रूस की 'इस्कैंडर' मिसाइलों के बराबर माना जा रहा है. यह मिसाइल युद्ध के मैदान में दुश्मनों को करारा जवाब देने के लिए तैयार है.
'प्रलय' को विशेष रूप से भारत की सीमाओं, जैसे कि एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) और एलओसी (लाइन ऑफ कंट्रोल), पर तैनाती के लिए डिजाइन किया गया है. यह दुश्मन की रणनीतियों को ध्वस्त करने में सक्षम है.
'प्रलय मिसाइल' का परेड में शामिल होना न केवल भारत की सैन्य ताकत को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहा है. यह कदम भारत की स्वदेशी तकनीक और वैश्विक शक्ति बनने की दिशा में मील का पत्थर है.
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