मंत्री का किसान नेताओं को अल्टीमेटम! बोले- चुनाव के बाद संपत्ति-जमीन की करेंगे जांच, गरमाई सियासत
Advertisement
trendingNow12507651

मंत्री का किसान नेताओं को अल्टीमेटम! बोले- चुनाव के बाद संपत्ति-जमीन की करेंगे जांच, गरमाई सियासत

लगातार प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि किसान के पास प्रदर्शन का समय नहीं है, जो प्रदर्शन कर रहे हैं वे किसान नेता हैं. हम उनकी संपत्ति और जायदाद की जांच कराएंगे. उनके इस बयान के बाद सियासत गरमा गई है. 

मंत्री का किसान नेताओं को अल्टीमेटम! बोले- चुनाव के बाद संपत्ति-जमीन की करेंगे जांच, गरमाई सियासत

केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने शनिवार को किसान नेताओं की जमीन और अन्य संपत्तियों की जांच की मांग की. उन्होंने दावा किया कि उनमें से कई या तो ‘आढ़तिया’ या चावल मिल मालिक हैं. मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसान नेताओं पर निशाना साधा और दावा किया कि आम किसान उनकी पार्टी के खिलाफ नहीं है. पंजाब में किसानों ने हाल ही में भाजपा और उसके नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और धान उठान में देरी एवं डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) उर्वरक (Fertilizer) की कमी का आरोप लगाया.

'किसानों के पास नहीं है समय'

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हाल ही में आरोप लगाया था कि हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में किसानों को उर्वरक के लिए कतारों में खड़ा होना पड़ता है. बिट्टू ने मुक्तसर जिले में प्रेस कांफ्रेंस में कहा,'किसानों को इसके (विरोध प्रदर्शन के) लिए समय कहां से मिलता है? उन्हें मंडियों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इसके बाद वे गेहूं की बुवाई में व्यस्त हो जाएंगे. उनके पास समय कहां है?' उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शन करने वाले किसान नेता हैं. 

'किसान नेताओं की कराएंगे जांच'

केंद्रीय मंत्री ने कहा,'(हम) कई किसान नेताओं की (भूमि एवं संपत्ति की) जांच करेंगे. हम उपचुनाव के बाद इस बारे में बात करेंगे. नेता बनने से पहले उनके (किसान नेताओं) पास कितनी जमीन थी और अब उनके पास कितनी जमीन एवं संपत्ति है.' उन्होंने पूछा,'इनमें से कौन सा किसान नेता आढ़ती नहीं है या चावल बेचने वाली कम्पनियां नहीं चलाता है?' बिट्टू ने कहा कि साधारण किसान प्रदर्शनों में शामिल नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में किसान भाजपा को वोट देंगे क्योंकि वे जानते हैं कि अगर कोई सुधार लाया जा सकता है, तो वह केंद्र द्वारा लाया जा सकता है, जिसके पास धन है. केंद्र ने (पंजाब में) धान की खरीद के लिए 44,000 करोड़ रुपये दिए हैं.'

'हम बयान से नहीं डरते'

इस बीच, किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने बिट्टू को किसान नेताओं की संपत्तियों की जांच करने की चुनौती दी. उन्होंने कहा,'हम आपके बयान से नहीं डरते.' उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को डीएपी उर्वरक नहीं मिल रहा है, जो फसलों की वृद्धि और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक नाइट्रोजन और फॉस्फोरस प्रदान करता है. पंजाब की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने भी बिट्टू के बयान की निंदा की और उनसे पूछा कि क्या भाजपा अब यह जांच करने का इरादा रखती है कि राज्य के किसान अपना पेट कैसे भर रहे हैं. 

'कृषि कानूनों को बदला ले रही सरकार'

आप प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि भाजपा पंजाब के किसानों को परेशान करने, उन पर झूठे आरोप लगाने और उन्हें बदनाम करने के लिए अफवाहें फैलाने के उद्देश्य से राजनीति कर रही है. गर्ग ने कहा कि पिछले दो वर्षों में भाजपा की ‘तुच्छ’ राजनीति का केवल एक ही मकसद है कि पंजाब के किसानों से उनके अब निरस्त हो चुके कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध का बदला लेना है. उन्होंने एक बयान में कहा,'बिट्टू का बयान इसी तुच्छ राजनीति का हिस्सा है. भाजपा पंजाब के खिलाफ साजिश कर रही है और रवनीत बिट्टू उस साजिश का चेहरा है.'

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news