Ayodhya News: मंदिर निर्माण कमेटी के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि वापस गए कर्मचारियों को पुनः निर्माण स्थल पर लाने में कठिनाई हो रही है.
Trending Photos
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का काम अपने तय समय सीमा से दो महीने पीछे चल रहा है. इसका कारण मजदूरों की कमी बताई जा रही है. उत्तर भारत में जून-जुलाई में पड़ने वाली भीषण गर्मी की वजह से मंदिर निर्माण में काम करने वाले ज्यादातर श्रमिक अपने-अपने मूल स्थानों पर चले गए हैं. इस वजह से काम प्रभावित हो गया है.
मंदिर निर्माण कमेटी के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने सोमवार को पत्रकारों का बताया कि वापस गए कर्मचारियों को पुनः निर्माण स्थल पर लाने में कठिनाई हो रही है. पूरे निर्माण में सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य शिखर का निर्माण है क्योंकि शिखर का निर्माण तभी शुरू होगा जब द्वितीय तल का कार्य पूर्ण हो जाएगा.
Mayawati: 'ब्राह्मण' कार्ड का खेल, माता प्रसाद के बहाने मायावती ने एक तीर से साधे दो निशाने
उन्होंने कहा, “मंदिर निर्माण की समीक्षा चल रही है. यह काम दिसंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इसके लिए निरंतर प्रयास बहुत आवश्यक है. आज के समय यदि इस गति से निर्माण किया गया तो दो महीने का विलंब होगा. एलएंडटी कंपनी को निर्देश दिया गया है कि वह मजदूरों और सब-कांट्रैक्टरों की संख्या बढाए. केवल एक या दो सब-कांट्रैक्टर्स पर निर्भर न रहे. इसके अलावा अन्य तकनीकी मुद्दों पर भी रविवार को निर्णय लिया गया है. पिछले तीन महीने में भीषण गर्मी की वजह से अपेक्षित निर्माण की गति कम हो गई है. गर्मी की वजह से काम छोड़कर घर चले गए श्रमिकों को वापस लाने में कंपनी को दिक्कत आ रही है.”
मिश्रा ने बताया, “हम यह नहीं कहेंगे कि मंदिर निर्माण का कार्य दिसंबर तक पूर्ण होना असंभव है, लेकिन मंदिर निर्माण को जो भी गति दी जाएगी, उसमें गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा. श्रमिकों की संख्या में भारी कमी है. यदि दो-ढाई सौ श्रमिक और नहीं जोड़े गए तो निश्चित ही हम दिसंबर में काम पूरा नहीं कर पाएंगे.”
(इनपुट एजेंसी: आईएएनएस)