अब राज्य सरकार लीगल राय लेकर आगे निर्णय लेगी. उधर डॉ. सौम्या गुर्जर के पास इस जांच के खिलाफ हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में रिट लगाने के सिवाए कोई दूसरा विकल्प नहीं है.
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Jaipur: जयपुर नगर निगम ग्रेटर की मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर और सरकार के बीच कुर्सी को लेकर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. मेयर के खिलाफ न्यायिक जांच जो कल सरकार को सौंपी गई, उसमें डॉ. सौम्या गुर्जर को दोषी मान लिया है. अब राज्य सरकार लीगल राय लेकर आगे निर्णय लेगी. उधर डॉ. सौम्या गुर्जर के पास इस जांच के खिलाफ हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में रिट लगाने के सिवाए कोई दूसरा विकल्प नहीं है. वहीं, सरकार अगर अगले कुछ दिन में सौम्या गुर्जर को मेयर पद से हटाने का गजट नोटिफिकेशन जारी करती है तो वह अगले 6 साल तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगी. मामले पर खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरिवास का कहना हैं की सरकार का निर्णय जल्द ही सामने होगा.
सरकार अब कानूनी जानकारों से विचार-विमर्श करने के बाद ही आगे की कार्यवाही करेगी, क्योंकि इस मामले में विवाद हो गया है. जांच में दोषी होना बडी बात है. भाजपा नेतृत्व को भी तय करना है कि क्या डॉ. सौम्या से इस्तीफा लेगी. दरअसल जब फरवरी में जब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के सस्पेंशन वाले आदेश को स्टे किया था, तब सरकार की बड़ी किरकिरी हुई थी. ऐसे में सरकार एक बार कानूनी राय लेने के बाद ही आगे निर्णय कर सकती है. क्योंकि सरकार या पक्षकार (यज्ञमित्र सिंह) में से किसी एक को अभी न्यायिक जांच की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भी पेश करनी है. वहीं दूसरी तरफ मेयर सौम्या गुर्जर भी अब इस मामले में पार्टी स्तर पर और कानून से जुड़े विशेषज्ञों से राय लेगी. संभावना है कि ये मामला एक बार फिर कोर्ट में जा सकता है.
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