राजस्थान सरकार में मंत्री अशोक चांदना ने 24 घंटे के भीतर ही शुक्रवार देर रात यू-टर्न ले लिया है, और उनके सुर बदल गए हैं. लेकिन इस मामले ने सरकार के मंत्रियों और ब्यूरोक्रेट्स के कामकाज के तरीकों को लेकर ही सवाल खड़े कर दिए हैं.
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जयपुर: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. गहलोत सरकार के खेल मंत्री अशोक चांदना ने गुरुवार रात ट्वीट कर खुद को ‘मंत्री पद से मुक्त’ करने की मांग की. अशोक चांदना ने एक आला अधिकारी के प्रति अपनी नाराजगी जताते हुए सीएम अशोक गहलोत से अनुरोध किया कि उन्हें मंत्री पद से मुक्त कर दिया जाए. हालांकि जलालत भरे पंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश करने वाले मंत्री अशोक चांदना ने 24 घंटे के भीतर ही यु टर्न ले लिया.
अशोक चंदना की नाराजगी ने सारे दावों की खोली पोल
बता दें कि एसएमएस स्टेडियम में होने वाले खेलों को लेकर तैयारियों का जायजा लेने आज खेल मंत्री अशोक चांदना एसएमएस स्टेडियम पहुंचे थे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने के बाद मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि उदयपुर में हुए कांग्रेस नव संकल्प शिविर में कांग्रेस ने भले ही युवाओं को राजनीति में आगे लाने के लिए संकल्प लिया गया था, लेकिन अशोक गहलोत सरकार के सबसे युवा मंत्री अशोक चंदना की नाराजगी ने सारे दावों की मानो पोल खोलकर रख दी है.
अशोक चांदना ने 24 घंटे के भीतर लिया यू-टर्न
हालांकि बागी तेवर दिखाने वाले राजस्थान सरकार में मंत्री अशोक चांदना ने 24 घंटे के भीतर ही शुक्रवार देर रात यू-टर्न ले लिया है, और उनके सुर बदल गए हैं. लेकिन इस मामले ने सरकार के मंत्रियों और ब्यूरोक्रेट्स के कामकाज के तरीकों को लेकर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. कहा जा रहा है की अशोक चंदाना ने खेल मंत्री होने के बावजूद भी उन्हें अपने विभाग में तवज्जों नहीं मिलने के चलते ही जलालत भरे मंत्री पद से इस्तीफा देने का ट्वीट किया था.
एसएमएस स्टेडियम में मीडिया से रूबरू हुए मंत्री चांदना
अपने ट्वीट से कांग्रेस की किरकिरी कराने वाले खेल मंत्री अशोक चंदना ने सीएम से मुलाकात के बाद भले ही यु टर्न ले लिया हो, लेकिन चांदना की नाराजगी अभी पूरी तरह से दूर नहीं हुई है. यही वजह है की चांदना मीडिया पर ही भड़ास निकालते हुए नौकरशाह और नेताओं के टकराव को लेकर दोहरा रहे हैं की ऐसा पहले भी होता आया है और आगे भी होता रहेगा.
चांदना लंबे समय से प्रमुख सचिव की दखलादांजी से नाराज हैं. स्पोर्ट्स काउंसिल के कामकाज के तरीकों से भी चांदना नाराज थे. लगातार हो रही अनदेखी की वजह से उन्होंने कुलदीप रांका के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. लेकिन अब चांदना के बयान से एक बात साफ है कि सीएम अशोक गहलोत को अभिभावक कह कर भले ही वो यह सियासी सन्देश दे रहे है कि उनकी सियासी टकराव नहीं है, लेकिन ब्यूरोक्रेट्स के कामकाज से तल्खी बरकरार हैं.
कृष्णा पुनिया को अध्यक्ष बनाए जाने पर अशोक चांदना की नाराजगी!
अशोक चांदना की नाराजगी की एक बड़ी वजह उनके विभागों में हुई राजनीतिक नियुक्तियों को माना जा रहा है. दरअसल क्रीड़ा परिषद का विधायक कृष्णा पुनिया को अध्यक्ष बनाए जाने के बाद मंत्री की पावर एकदम कम हो गई.
19 करोड़ रूपये का टेंडर निकाले जाने पर विवाद
दरअसल खेल बजट 100 से 400 करोड़ रूपये का हो गया है. इसमें से 50 करोड़ रूपये से ग्रामीण ओलम्पिक करवाए जा रहे हैं जो की राजस्थान में पहली बार हो रहा है. इसका जिम्मा विधायक और क्रीड़ा परिषद के अध्यक्ष ओलंपियन कृष्णा पुनिया को दे दिया गया है, जिसके चलते खेल मंत्री नाराज होकर दबाव में आ गए. ग्रामीण ओलम्पिक के आयोजन पर 50 करोड़ रूपये खर्च होने हैं लेकिन इसकी जर्सी के लिए 19 करोड़ रूपये का टेंडर निकाले जाने पर ही विवाद हो गया. जिसके बाद सरकार ने 21 करोड़ रूपये का बजाय सीधे स्पोर्ट्स काउंसिल को दे दिया,हालांकि क्रीड़ा परिषद की अध्यक्षा कृष्णा पुनिया ने कहा कि हमारा मकसद नए खिलाड़ियों और खेल को आगे बढ़ना है और आगे वह खेल मंत्री के साथ मिलकर काम करेगी.
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भाजपा के बयान पर बोले मंत्री चांदना
मुख्यमंत्री से सभी विषयों पर सार्थक और लंबी चर्चा हुई. वे राजस्थान कांग्रेस परिवार के अभिभावक हैं, जो निर्णय करेंगे वो सही करेंगे.बीजेपी अपना घर देखें. कांग्रेस परिवार मिशन 2023 के लिए एकजुट और लामबंद है. 2023 में प्रदेश में सरकार रिपिट होगी.