नसीराबाद के भाषाहरड़ी माताजी मंदिर में धार्मिक कार्यक्रम हुआ आरंभ
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नसीराबाद के भाषाहरड़ी माताजी मंदिर में धार्मिक कार्यक्रम हुआ आरंभ

नसीराबाद के पास देराठूं गांव स्थित अतिप्राचीन भाषाहरड़ी माताजी मंदिर परिसर में शतचंडी महायज्ञ सहित सात दिवसीय हवन एवं श्रीमद् भागवत कथा और रासलीला का विशाल धार्मिक कार्यक्रम आरंभ हुआ, जिसमें देराठूं सहित दूरदराज के श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. 

नसीराबाद के भाषाहरड़ी माताजी मंदिर में धार्मिक कार्यक्रम हुआ आरंभ

Nasirabad: अजमेर के नसीराबाद के पास देराठूं गांव स्थित अतिप्राचीन भाषाहरड़ी माताजी मंदिर परिसर में शतचंडी महायज्ञ सहित सात दिवसीय हवन एवं श्रीमद् भागवत कथा और रासलीला का विशाल धार्मिक कार्यक्रम आरंभ हुआ, जिसमें देराठूं सहित दूरदराज के श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. 

इस धार्मिक कार्यक्रम का शुभारंभ कलश शोभायात्रा के साथ किया गया. कलश यात्रा देराठूं बगीची मंदिर से आरंभ हुई. रास्ते में ग्रामवासियों द्वारा जगह जगह पुष्पवर्षा की गई और बैंड-बाजे की धुन में कलश यात्रा भाषाहरड़ी मंदिर स्थित यज्ञ स्थल पर पहुंची. 

धार्मिक कार्यक्रम में धर्मलाभ के लिए विख्यात संत महात्माओं सहित श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगना आरंभ हो गया. दूरदराज के कई संत महाज्मा यज्ञ स्थल पर पहुंचे. देराठूं के सरपंच विजेंद्र सिंह राठौड़ ने जानकारी दी कि गांव में सुख शांति, भाईचारा, उन्नती, विकास, उज्जवल भविष्य के लिए यह विशाल धार्मिक कार्यक्रम का आयोजित किया जा रहा है. 

देराठूं गांव स्थित भाषाहरड़ी माताजी मंदिर पर धार्मिक कार्यक्रम 21 जून तक बनारसीदास महाराज एवं बालकदास त्यागी महाराज के सानिध्य में आयोजित किया जा रहा है. यज्ञ आचार्य बनारस के पंडित रजित शास्त्री और मारुति नंदन आश्रम वाराणसी के केदार नारायण शास्त्री है. कथा वाचन वृंदावन की मिथिलेश किशोरी द्वारा आरंभ की गई. 

वृंदावन की नंदकिशोर रासलीला मंडली द्वारा रासलीला का आयोजन भी आरंभ कर दिया गया. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए यज्ञ क्षेत्र में झूले आदि भी लगाए गए हैं. स्वादिष्ट चाट पकौड़ी, आईस्क्रीम आदि की दुकानें भी लगाई गई है. कार्यक्रम की व्यवस्था के लिए अलग-अलग कमेटी का गठन करके जिम्मेदारी सौंपी गई है. हवन मंडप को सजाया संवारा गया. 

देराठूं के ग्रामवासियों ने बताया कि नसीराबाद के पास देराठूं गांव की पहाडी पर भाषाहरड़ी माता का मंदिर कई सालों पूर्व स्थापित किया गया था. इस मंदिर पर पाडे की बलि और मदिरा का भोग लगाया जाता था. पहाड़ी पर स्थित भाषाहरड़ी माता के छोटे से मंदिर में स्थापित प्रतिमा को काफी चमत्कारी बताया जाता है और इसी के चलते प्रतिवर्ष इस धार्मिक स्थल पर मेला भी भरता है. इसमें देराठूं सहित निकटवर्ती क्षेत्र के ग्रामीण एवं श्रद्धालु धर्म लाभ और मनोकामना पूर्ति के लिए पहुंचते हैं. इस मंदिर में स्थापित प्रतिमा के चमत्कारों के कारण ही यहां विशाल धार्मिक कार्यक्रम किया जा रहा है, जिसमें श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है.

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