Kuno National Park: मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबियाई चीता आशा ने तीन जनवरी को तीन शावकों को जन्म दिया है. मध्य प्रदेश सीएम मोहन यादव ने भी इस पर खुशी जताई है.
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मध्य प्रदेश : नए साल की शुरुआत में ही श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क से एक अच्छी खबर सामने आई है. यहां नामीबिया से आई मादा चीता आशा ने तीन चीता शावकों को जन्म दिया है. अक्तूबर में आशा के प्रेग्नेंट होने की खबर सामने आई थी. अब राष्ट्रीय उद्यान में तीन शावकों को जन्म देने की खबर आई है. केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बुधवार यानी 3 जनवरी को यह जानकारी दी है.
मंत्री भूपेंद्र यादव ने किया ट्वीट
इसके साथ ही केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर शावकों के जन्म की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि, जंगल में म्याऊँ! यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कूनो नेशनल पार्क ने तीन नए सदस्यों का स्वागत किया है. शावकों का जन्म नामीबियाई चीता आशा से हुआ है. इसके फोटो और वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं.
सीएम ने जताई खुशी
सीएम मोहन यादव ने भी इस पर खुशी जताई है. बता दें इसके पहले मार्च 2023 में, सियाया, जिसे बाद में ज्वाला नाम दिया गया, ने चार शावकों को जन्म दिया था, लेकिन उनमें से केवल एक ही जीवित बचा था. ज्वाला को भी नामीबिया से केएनपी में स्थानांतरित किया गया था.
कूनो नेशनल पार्क में तीन नन्हें चीता शावकों के आगमन का समाचार अत्यंत आनंददायक है।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व तथा मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश को 'चीता स्टेट' के रूप में नई पहचान मिली है। pic.twitter.com/eXOsj7Vg4Y
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) January 3, 2024
प्रोजेक्ट चीता का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2022 में 17 सितंबर को मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से लाए गए चीतों के एक समूह को बाड़े में छोड़कर भारत में प्रोजेक्ट चीता का उद्घाटन किया था.
वर्तमान में कितने चीतें
भारत में चीतों को बसाने के लिए शुरू किए गए चीता प्रोजेक्ट के तहत कुल 20 चीते लाए गए थे. इनमें आठ नामीबिया और 12 दक्षिण अफ्रीका के चीते शामिल थे. अभी वर्तमान में कूनो में सात नर चीते गौरव, शौर्य, वायु, अग्नि, पवन, प्रभाष और पावक और सात मादा चीते आशा, गामिनी, नाभा, धीरा, ज्वाला, निरवा और वीरा मौजूद हैं. साथ ही कई चीतों को मौत हो चुकी है.