तापमान में बदलाव का असर इंसानी दिमाग और व्यवहार पर पड़ रहा है. हालिया स्टडी में यह खुलासा हुआ है कि तापमान में बढ़ोत्तरी के चलते लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है.
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नई दिल्लीः अक्सर आपने महसूस किया होगा कि आप बात-बात पर गुस्सा हो रहे हैं और चिड़चिड़ाहट भी काफी होती है! अब इसकी वजह का खुलासा हुआ है. दरअसल एक स्टडी के अनुसार, हमारी धरती के तापमान में आ रहे बदलाव का असर हमारे दिमाग और व्यवहार पर भी पड़ रहा है. जिसकी वजह से लोगों में गुस्सा, नफरत पैदा हो रही है.
अमेरिका के 773 शहरों में रहने वाले लोगों के व्यवहार पर एक स्टडी की गई है. यह स्टडी द लैंसेट प्लेनेटरी में छपी है. इसमें बताया गया है कि ज्यादा गर्म और ज्यादा ठंडी जगहों पर लोगों का गुस्सा बढ़ता है. कई बार यह गुस्सा भौतिक रूप से नहीं निकल पाता तो यह ऑनलाइन निकलता है. स्टडी के अनुसार, 12 डिग्री सेल्सियस से लेकर 21 डिग्री सेल्सियस के बीच में इंसान का मूड सबसे अच्छा होता है और इसमें गुस्सा भी कम आता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में हीट वेव के दौरान ऑनलाइन हेट स्पीच के मामले बढ़ गए थे. द लैंसेट प्लेनेटरी हेल्थ की टीम ने पोट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इंपैक्ट रिसर्च के साथ मिलकर एक स्टडी की, जिसमें 2014 से 2020 तक के 400 करोड़ ट्वीट्स की जांच की. स्टडी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से एक एलगोरिदम तैयार की गई, जो हेट स्पीच को पहचानती है. इनमें से 2 फीसदी ट्वीट हेट स्पीच के थे. स्टडी करने वाली टीम ने जांच की कि हेट स्पीच वाले ट्वीट किन इलाकों से किए गए और जिस दिन ट्वीट किया गया, उस दिन वहां का मौसम कैसा था.
स्टडी में पता चला कि जहां गर्मी और सर्दी ज्यादा थी, वहां हेट स्पीच के मामले ज्यादा आए. रेगिस्तानी इलाकों में हेट स्पीच के मामलों में जबरदस्त उछाल देखा गया. हेट स्पीच के तहत किसी भी व्यक्ति के धर्म, नस्ल, राष्ट्रीयता, रंग, लिंग या किसी पहचान के आधार पर उसके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करना शामिल है.