young innovator rajveer for ujjan: भारत के 50 यंग इनोवेटर्स शामिल उज्जैन के 13 साल के बच्चे ने कमाल कर दिया है. उसने एक अटैक डिकेक्टर बनाया है, जो आतंकी, दंगे व महिला अपराध संबंधित गतिविधियों को लेकर पुलिस को अलार्म के जरिये अलर्ट कर देगा. अब छात्र को दिल्ली में सम्मान दिया जाएगा.
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young innovator rajveer for ujjan: राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन। युवा इनोवेटर्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर उज्जैन के बच्चे ने कमाल कर दिया है. उज्जैन के 13 साल के राजवीर ने ऐसा मॉडल तैयार किया है, जिससे सड़कों, चौराहों या भीड़ वाली जगह पर होने वाली आतंकी घटनाएं, दंगा, अपराध और एक्सीडेंट की जानकारी आर्टिफिशियल इंटिलिजेंट्स के जरिए तुरंत पुलिस को मिल जाएगी. इस इनोवेशन के लिए राजवीर को दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा.
आर्टिफिशल इंटिलीजेंसी से हुआ संभव
राजवीर सिंह चौहान बताते हैं कि अटैक डिटेक्टर नामक मॉडल पूरा आर्टिफिशल इंटिलीजेंस बेस्ड है. शहर के प्रत्येक चौराहे पर लगे कैमरों को सॉफ्टवेयर से इसे जोड़ा जा सकता है. कैमरे में जैसे ही गन या कोई अन्य वेपन सहित खून और एक्सीडेंट, महिला अपराध की घटना के संकेत, वायलेंस का फोटो या वीडियो दिखाई देता है वो इसे डिक्टेक्ट कर अलार्म बजा देगा.
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उन्होंने बताया कि अगर इस मॉडल का उपयोग किया जाता है तो संकेत मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन अलर्ट हो जाएगा और जिस स्थान से ये संकेत आएं है वहां जा कर तहकीकात कर सकता है. इसके अलावा इससे मिलने वाली सहायता के दम पर पुलिस बल या अस्पताल से एम्बुलेंस जल्द से जल्द भेजी जा सकेगी. इसका उपयोग चौराहों के साथ ही भीड़ भरे बाजारों, अस्पताल, कोर्ट, मंदिर स्कूल में भी हो सकता है.
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कौन हैं राजवीर
राजवीर उज्जैन के केंद्रीय विद्यालय में कक्षा 8वीं का छात्र है. राजवीर शहर के वृन्दावन कॉलोनी में रहते हैं. इनके माता पिता का नाम विजय सिंह चौहान और सीमा चौहान है. फिलहाल राजवीर दिल्ली में हैं. उन्हें भारत सरकार द्वारा सम्मान मिलना है.
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कैसे आई बच्चे की दिमाग में ये युक्ति
राजवीर ने बताया कि उन्हें यह आइडिया एक्सीडेंट के बाद एम्बुलेंस के समय पर ना पहुंचने और जान चली जाने वाले लोगों को देख कर आया. राजवीर बताते हैं 2 साल पहले उन्होंने इमरजेंसी रेड बटन बनाया था, जिसे आज के समय मे स्मार्ट सिटी द्वारा चौराहों पर लगाया गया है. हालांकि स्मार्ट सिटी ने किसी और से ये कार्य करवाया है.
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डिजिटल इंडिया की तरह खोजा जा रहा है टैलेंट
भारत सरकार पीएम मोदी के निर्देशन में डिजिटल इंडिया के तहत लगातार कार्य कर रही है. देश भर में ऐसे यंग इनोवेटर्स को ढूंढ रही है जो बड़े से बड़े टास्क को आसानी से करने का हुनर रखते हो. ऐसे ही देश भर के 50यंग इनोवेटर्स का सलेक्शन कर स्कूली छात्रों की टीम भारत सरकार की विज्ञान और प्रौद्योगिक विभाग ने खोज निकाली है. इसमें मध्य प्रदेश के 3 छात्र शामिल हैं.
- भोपाल के अथर्व तिवारी, ये 9वीं कक्षा के छात्र है और इन्होंने नेचर डिटेक्टर बनाया है.
- ग्वालियर के नित्या रावत, इहोंने करियर डिटेक्टर बनाया है
- उज्जैन के राजवीर सिंह चौहान ने अटैक डिटेक्टर बनाया है
पीएम मोदी देखेंगे मॉडल
केंद्र सरकार की प्रौद्योगिक और विज्ञान विभाग ने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस बेस्ड प्रतियोगिता आयोजित की था. इसमें देश भर के 200 छात्र-छात्राओं का सिलेक्शन हुआ है. ट्रेनिंग में 50यंग इनोवेटर्स का चयन हुआ. इनमें से 50 यंग इनोवेटर्स 14 सितंबर से 16 सितंबर तक केंद्र सरकार द्वारा सम्मानित किया जाएगा. इनका इनोवेशन देखने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंचेंगे.