Student Rights In India: भारत में छात्रों को कई अधिकार मिले हैं.अगर आप मध्य प्रदेश के बाहर पढ़ाई कर रहे हैं तो आज हम आपके अधिकारों के बारे में बताएंगे.
Trending Photos
What are Student Rights In India: पहले के मुकाबले अब मध्य प्रदेश से बहुत सारे स्टूडेंट देश के कई नामी-गिनामी यूनिवर्सिटी और कॉलेज में पढ़ाई करने के लिए जा रहे हैं.अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं तो आपको कुछ ऐसे नियम-कानून की जानकारी होनी चाहिए जो आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे ,तो चलिए हम आपको इन नियमों के बारे में बताते हैं.
1 समानता का अधिकार
संविधान के अनुच्छेद 15 के तहत भारत के हर नागरिक के पास समानता का अधिकार है और इसी अधिकार के तहत कोई भी व्यक्ति आपके साथ जाति,नस्ल,लिंग, धर्म और स्थान के आधार पर आप के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं कर सकता है.
2 भोजन, पानी, बिजली का अधिकार
अगर आप किसी के कारण से अपना किराया नहीं दे पाए हैं तो ऐसी स्थिति में कोई भी पीजी का मालिक भोजन, पानी, बिजली और इंटरनेट जैसी जीवनयापन के लिए आवश्यक सर्विसेस को नहीं रोक सकता है. बता दें कि क्योंकि यह सब चीजें अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार हैं.
3.राइट टू शेल्टर
फ्लैट या पीजी का रेंट ने देने पर कोई भी मकान मालिक किराएदार को कोर्ट के आदेश या डिक्री के बिना मकान या पीजी से बाहर नहीं निकाल सकता है क्योंकि राइट टू शेल्टर (RIGHT TO SHELTER) मौलिक अधिकार है.
4.निजता का अधिकार
आप पीजी या रेंट वाले फ्लैट में रहते हैं तो आपके राइट टू प्राइवेसी यानी निजता के अधिकार के चलते किसी भी पीजी/फ्लैट मालिक ये अधिकार नहीं है कि वह कभी भी आप कमरे में आ जाए और उसका इंस्पेक्शन करने लगे.
5.सूचना के अधिकार
सूचना के अधिकार के तहत आपने कॉलेज में कितनी फीस किस-किस के लिए दी है,उसकी डिटेल्स आप अपने कॉलेज या यूनिवर्सिटी से मांग सकते हैं.साथ ही कई मामलों में यह देखा गया है कि कॉलेज एग्जाम के बाद छात्रों की आंसर शीट उनको नहीं देता है तो ऐसी स्थिति में भी आप RTI (सूचना के अधिकार) फाइल करके आप अपनी आंसर शीट पा सकते हैं.बता दें कि CBSE और ANR VS आदित्य बुंडोपुचे और अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि छात्रों की आंसर शीट आरटीआई अधिनियम के दायरे में आती है.
6.दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 (Rights of Persons with Disabilities Act, 2016) के तहत किसी भी संस्थान का इन्फ्रास्ट्रक्चर इस तरह का होना चाहिए, जिससे किसी भी दिव्यांग जनों को कोई भी परेशानी न हो. कॉलेज का इन्फ्रास्ट्रक्चर में दिव्यांग जनों के लिए रैंप, लिफ्ट्स आदि की व्यवस्था होनी चाहिए. बता दें कि ये नियम-कानून दिल्ली विश्वविद्यालय के एलएलबी के छात्र अमन पांडेय (Aman Pandey Delhi University LLB Student) ने बताए हैं.