MP News: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ (EX CM Kamal Nath) ने शिवराज सरकार (Shivraj sarkar) की नई शराब नीति को लेकर तंज कसा है. उन्होंने छिंदवाड़ा (Chhindwara) में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस समय प्रदेश में शराब सस्ती है और राशन मंहगा है. इस हिसाब से एमपी मतलब मदिरा प्रदेश.
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New Liquor Policy MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की नई शराब नीति को लेकर सियासत गरमा गई है. इसे लेकर के कमलनाथ (Kamalnath) लगातार शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar)पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. उन्होंने शिवराज सरकार पर तंज सकते हुए कहा कि आपकी सरकार ने देसी मदिरा और विदेशी मदिरा की संयुक्त दुकान खोलकर मध्यप्रदेश में शराब की दुकानों की संख्या करीब दोगुनी बढ़ा दी है. आप की नीति स्पष्ट है राशन महंगा और दारू सस्ती है. घर-घर दारू पहुंचाने की अपनी नीति के लिए आप मध्य प्रदेश की जनता से माफी मांगिये. बता दें कि हाल में ही सरकार नई शराब नीति लाई थी.
'एमपी मतलब मदिरा प्रदेश'
छिंदवाड़ा के शिकारपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कमलनाथ ने शिवराज सरकार के ऊपर कई आरोप लगाए. इस दौरान उन्होंने नई शराब नीति की वजह से एमपी को मदिरा प्रदेश भी कहा. बीते दिनों में देखा गया है कि कमलनाथ और शिवराज लगातार एक दूसरे पर आरोप लगाते आ रहें हैं. दोनों नेता एक दूसरे के वादों को झूठा साबित कर रहे हैं.
क्या है नई शराब नीति
मध्य प्रदेश की नई शराब नीति में कई नियम बनाए गए हैं. जिसमें कहा गया है कि अब स्कूलों कालेजों के आसपास 100 मीटर तक कोई भी शराब की दुकान नहीं होगी. इसके अलावा प्रदेश भर में अहाते - शॅाप बार पर पाबंदी लगा दी गई है. साथ ही साथ सस्ती शराब और बीयर बेचने पर रोक लगा दी गई है. इसके अलावा शराब व बीयर पर कम कीमत का स्लेप लगा दिया गया है और इंपोर्टेट शराब बेचने की छूट भी दे दी गई है. इस हिसाब से शराब की बिक्री सस्ते दामों पर होगी. जिसको लेकर कमलनाथ ने तंज कसा है.
समय सीमा निर्धारित
नई शराब नीति में शराब बिक्री का समय भी निर्धारित किया गया है. इसमें कहा गया है कि कि सुबह 9.30 से रात के 11.30 तक शराब की बिक्री की जाएगी. इसके पहले या इसके बाद चोरी छिपे शराब को बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. समय सीमा के अलावा कहा गया है कि धार्मिक क्षेत्रों में जो दुकानें आएंगी उस पर पाबंदी लगा दी जाएगी.
सिंधिया ने किया स्वागत
नई शराब नीति आने के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवराज सरकार के इस फैसले का स्वागत किया था. इसके अलावा हमेशा शराब नीति को लेकर मुखर रहने वाली उमा भारती ने भी इसे एक अच्छी शराब नीति बताई थी. साथ ही सत्ता पक्ष के कई मंत्री और विधायक ने इसको एक अच्छी नीति बताया था.