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MP Politics: अगले साल मध्य प्रदेश राज्य (Madhya Pradesh Assembly Election) में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम व भाजपा (MP BJP) की फायर ब्रांड नेत्री उमा भारती (Uma Bharti) के बयान ने एक बार फिर भाजपा में खलबली मचा दी है. आपको बता दें कि उमा भारती लोधी समाज (Lodhi Samaj) के एक कार्यक्रम में शिरकत करने गई थी. जहां पर मंच से उन्होंने कहा कि मैं खुद को लोधी समाज के बंधन से मुक्त करना चाहती हूं. जिसके बाद विपक्ष उनके ऊपर हमलावर हो गया है. इसके अलावा भी उमा भारती ने क्या कुछ कहा पढ़िए....
'आप भाजपा के निष्ठावान सिपाही नहीं'
उमा भारती हाल ही में लोधी समाज के युवक-युवती परिचय सम्मेलन में शिरकत करने गई थीं. जहां पर उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि 'मैं अपने पार्टी के मंच पर आंऊगी लोगों से वोट मागूंगी मैं कभी नहीं कहती लोधियों कि तुम भाजपा को वोट करो. मैं तो सबसे कहती हूं की तुम भाजपा को वोट करो क्योंकि मैं भाजपा कि एक निष्ठावान सिपाही हूं. आगे उन्होंने बोलते हुए कहा कि मैं आप सब से नहीं कहती की तुम भी पार्टी के लिए निष्ठावान रहो.आपको अपना हित भी देखना चाहिए. हम सब प्यार के बंधन में बंधे है लेकिन राजनीतिक बंधन से आजाद हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मैं उम्मीदवार के पक्ष में वोट मागूंगी, प्रचार करूंगी उनके पक्ष में बोलूंगी लेकिन आपको उसी उम्मीदवार को वोट देना है जिसने आपको सम्मान रखा हो. जिसने आपका उचित स्थान रखा हो आप उसे वोट करने के लिए स्वतंत्र है'.
'मुझे बीजेपी से निकाला गया'
अपने भाषण में आगे संबोधित करते हुए उमा भारती ने कहा कि 'जब मैं क्षेत्र में प्रचार करने निकलती हूं तो मुझे फोन करके आप लोग ये मत कहा करिए की यहां मत आइए. क्योंकि मुझे सब जगह जाना होता है लेकिन आपको भाषण सुनने के बाद ये तय करना होगा कि आपको वोट करना चाहिए या नहीं. आगे उन्होंने बोलते हुए कहा कि मैं पहले भी कई बार आपको इस बंधन से मुक्त कर चुकी हूं कि मेरा भाषण सुनकर मेरी फोटो देखकर वोट ना करें.मेरी आपको गिरवी रखने की कोई दिलचस्पी नहीं है. वरना लोग ये कहेंगे की लोधी समाज हमारे अधीन लिख दिया गया है'.
27 विधानसभा सीटों पर है लोधियों की बाहुल्यता
उमा भारती ने आगे बोलते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की 27 विधानसभा सीटों पर लोधी वोटों की बाहुल्यता है. यहां पर लोधी समाज जिसे चाहता है उसे चुनाव जिता सकता है. लेकिन ये 50 सीटों पर मजबूती के साथ चुनाव लड़ते हैं. जबकि यूपी में ये आंकड़ा 70 सीटों पर है. इसके अलावा आपको फोटो दिखा दी जाती है मेरी तो आप सबको भी लगने लगता है कि मेरा नेता जहां है वहां वोट करना है, ऐसा नहीं है. आपका जहां मन हो वहां वोट करें. भाषण के अंतिम क्षणों में उमा भारती ने ये शेर "ये तेरा ही नूर है, जो चमकता है मेरे चेहरे पर, वरना मुझे कौन पूछता है" सुनाते हुए अपने भाषण को विराम दिया. बता दें कि उनके इस बयान के बाद विपक्ष उनपर सवालिया निशाना खड़ा कर रहा है. लेकिन उन्होने ये सारी बातें अपने और लोधी समाज से लगाव की वजह से बोली थी.
गांव की बेटी ने महल के राजा को धूल चटा दी
उमा ने अपने संबोधन में आगे कहा कि एक बात हमेशा ध्यान रखना की मैंने भाजपा पार्टी छोड़ी नहीं थी मुझे पार्टी से निकाला गया था. क्योकि पहले से ही ये तय था कि सरकार बनाओ, उसके बाद इसे बाहर का रास्ता दिखाओ. जिसके तहत मुझे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. साथ ही साथ उन्होंने कहा कि जिस दौर में बीजेपी के अधिकांश नेता मुख्यमंत्री के पैर छूते थे. उस समय गांव से निकलकर आई एक बेटी ने महल में रहने वाले राजा को धूल चटा दी. ये सब आपकी बदौलत ही संभव हो पाया था. आगे उन्होने कहा कि मेरी कुर्सी छोड़ने की वजह तिरंगा था, जिसके शान के लिए हमने कुर्सी को छोड़ दिया था.इसके अलावा उन्होने कहा कि मेरी राजनीति राजनेताओं से नहीं बल्कि गरीब तबके के लोगों से है. अगर हम उमा भारती के पूरे भाषण को ध्यान दें तो एक बात तो साफ झलक रही है कि उमा खुद को भाजपा से नहीं बल्कि जनता से जोड़ रही हैं और बीजेपी को लेकर उनका दर्द खुलकर झलक रहा है. मंच से उनके इस बयान से भाजपा में खलबली मच सकती है. इतना खुलकर बीजेपी के खिलाफ बयान पार्टी की छवि खराब कर सकता है.