MP Election 2023: बुन्देलखण्ड में कांग्रेस को बड़ा झटका! इस दलित नेता और पूर्व विधायक ने दिया इस्तीफा
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MP Election 2023: बुन्देलखण्ड में कांग्रेस को बड़ा झटका! इस दलित नेता और पूर्व विधायक ने दिया इस्तीफा

Dinesh Ahirwar Resignation: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के पूर्व विधायक दिनेश अहिरवार ने पार्टी पर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया. साथ ही कहा है कि लोगों की सेवा करने के लिए वह दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ेंगे.

Dinesh Ahirwar Resignation

आर.बी.सिंह/टीकमगढ़: साल के अंत में होने वाले मध्य प्रदेश (MP News) विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh assembly elections) के लिए बुंदेलखंड क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए कांग्रेस जुटी हुई है और इसी बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. बुन्देलखण्ड क्षेत्र के टीकमगढ़ की जतारा विधानसभा से कांग्रेस के पूर्व विधायक और दलित नेता दिनेश अहिरवार ने पार्टी पर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है. अहिरवार ने पार्टी की जीत में अपने योगदान के बारे में बताते हुए दावा किया कि नेताओं ने उनका या लोगों का सम्मान नहीं किया. उनका लक्ष्य जनता की बेहतर सेवा करने के लिए अलेग पार्टी से चुनाव लड़ना है.

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कमलनाथ को भेजा इस्तीफा
टीकमगढ़ जिले की जतारा विधानसभा से कांग्रेस के पूर्व विधायक दिनेश अहिरवार ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है. उन्होंने अपना इस्तीफा लेटर पैड पर पीसीसी चीफ कमल नाथ को भेजा है. इस्तीफा देने की वजह यह सामने उपेक्षा आई है. उन्होंने कहा कि कि पार्टी द्वारा उनकी लगातार उपेक्षा की जा रही थी, मैं कांग्रेस पार्टी का निर्वाचित प्रतिनिधि था, 2013 में मैंने कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाई, जबकि कांग्रेस पार्टी लगातार तीन पंचवर्षी से तीसरे और चौथे स्थान पर आती रही और मैंने पार्टी को जीत दिलाई, लेकिन उसके बाद भी ऊपर के नेताओं ने मेरा सम्मान नहीं किया.

मेरे साथ अन्याय हुआ 
पूर्व विधायक दिनेश अहिरवार ने आगे ये भी कहा कि इसके कारण मुझे ऐसा लग रहा था कि ये लोग मेरे साथ अन्याय कर रहे हैं, मेरे लोगों के साथ अन्याय कर रहे हैं. जनता मेरे साथ है, इसलिए में इन सारी चीजों को ध्यान में रखतें हुए मैंने उचित समझा कि पार्टी से इस्तीफा दिया जाए. देखों यह पार्टी के ऊपर होता है, जो लोकल का नेता होता है जनता उसके साथ रहती है क्योंकि 24 घंटे हमको जनता के बीच सुख-दुख में शामिल रहना है. आज चुनाव आए 4 दिन से लोग क्षेत्र में घूमने लगे हैं तो यह ऊपर वाले नेताओं को ध्यान देना चाहिए कि कौन आदमी क्षेत्र का है और कौन बाहरी है और किसका प्रभाव क्षेत्र में ज्यादा है. उसी को पार्टी को आगे बढ़ाना चाहिए. जो भी पार्टी मुझे टिकट देगी उस पार्टी से चुनाव लड़ लूंगा और जनता की सेवा में उनके बीच जाऊंगा.

बता दें कि दिनेश अहिरवार 2013 से 2018 तक जतारा के विधायक थे, लेकिन टिकट नहीं मिलने के बाद 2018 विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ने पर पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया था. हालांकि, 2019 में वह तत्कालीन मुख्यमंत्री कमल नाथ की मौजूदगी में कांग्रेस में लौट आए थे अब एक बार फिर उन्होंने पार्टी छोड़ दी है.

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