बलरामपुर जिले में आंगनबाड़ी केंद्र में लापरवाही का मामला उजागर हुआ है. जहां पर केंद्र में ईंधन के लिए दी गई गैस की रिफलिंग होने पर केंद्र में पिछले पांच दिनों से बच्चों को दिए जाने वाला गर्म भोजन नहीं बन पाया.
Trending Photos
बलरामपुर/शैलेन्द्र सिंह बघेल : बलरामपुर जिले में आंगनबाड़ी केंद्र में लापरवाही का मामला उजागर हुआ है. जहां पर केंद्र में ईंधन के लिए दी गई गैस की रिफलिंग होने पर केंद्र में पिछले पांच दिनों से बच्चों को दिए जाने वाला गर्म भोजन नहीं बन पाया और इसी कारण केंद्र में पांच दिनों से बच्चे भी नहीं आये. चार महीने से पोषण आहार के लिए दी जाने वाली राशि अब तक केंद्रों में नहीं पहुंच सकी है. जिसके कारण आंगनबाड़ी की कार्यकर्ताओं को आर्थिक परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है. वहीं मामले में जिम्मेदार अधिकारी जांच की बात कह रहे है.
राष्ट्रपति चुनाव: BJP नेताओं ने कांग्रेस विधायकों से मांगा वोट, मिला यह जवाब
दरअसल ये पूरा मामला बलरामपुर जिले में रघुनाथ नगर परियोजना का है. जहां पर कार्यालय से महज 500 मीटर की दूरी पर संचालित होने वाले आंगनबाड़ी केंद्र पर पांच दिनों से गर्म भोजन नहीं बनने से केंद्र में बच्चे ही नहीं आये और परियोजना अधिकारी को इस बात की भनक तक नहीं लगी.
ईंधन का पैसा नहीं मिला
आंगनबाड़ी केन्द्र में करीब 16 बच्चों की दर्ज संख्या जिसमे से 8 से 10 बच्चों की उपस्थिति बराबर आंगनबाड़ी के केंद्र में बनी रहती थी, लेकिन पिछले पांच दिनों से बच्चों के अभाव में केन्द्र सुना पड़ा हुआ है. केंद्रों में पोषण आहार के लिए दी जानी वाली राशि जिसमे ईंधन का पैसा भी जुड़ा हुआ होता है. वो पिछले चार महीनों से केंद्रों में नहीं मिली है. जिसके कारण केंद्रों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
धुएं से बच्चों को भी परेशानी
केंद्र में पदस्थ सहायिका ने बताया कि पिछले आठ दिनों से केंद्र में रसोई गैस समाप्त हो चुका है. इसके बाद दो तीन दिन लकड़ी के चूल्हे में बच्चों के लिये गर्म भोजन बनाया गया लेकिन धुंआ ज्यादा होने के कारण छोटे बच्चों को परेशानी होती थी. इस वजह से अब केंद्र में गर्म भोजन बनना बंद हो गया है और इसी कारण पिछले पांच दिनों से केंद्र में बच्चे भी नहीं आये है. वहीं दूसरी ओर केंद्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का कहना हैं कि केंद्र में गैस सिलेंडर समाप्त हो गया. जिसको भरवाने के लिए उधार में पैसों के जुगाड़ में लगी हुई है. जैसे ही कहीं से पैसा मिलेगा उसके बाद गैस की रिफलिंग करा दी जाएगी.
शिक्षा सचिव ने प्रिंसिपल- टीचर की रोकी वेतन वृद्धि, ये है वजह
केंद्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की आपसी खींचतान का नतीजा अब नौनिहालों को भुगतना पड़ रहा है. वहीं केंद्र से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित परियोजना कार्यालय की अधिकारी पूरे मामले से अनजान बनी हुई है और मामला सामने आने के बाद केंद्र में जांच के बाद ब्यवस्था को दुरुस्थ करने का हवाला दे रही है.