मंडला में रावण दहन के विरोध में उतरे मूल निवासी, कही ऐसी बात भड़का हिंदू समाज
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मंडला में रावण दहन के विरोध में उतरे मूल निवासी, कही ऐसी बात भड़का हिंदू समाज

मंडला जिले में 28 सितंबर को मूल निवासी युवा छात्र संगठन के बैनर तले रावण दहन का विरोध करते हुए धमकी दी गई थी, कि यदि रावण दहन हुआ तो राम दहन भी किया जाएगा. रावण दहन का विरोध करने वाले खुद को रावण का वंशज बताते हैं.

मंडला में रावण दहन के विरोध में उतरे मूल निवासी, कही ऐसी बात भड़का हिंदू समाज

विमलेश मिश्रा/मंडला: एक तरफ विजयदशमी पर जहां चारों तरफ रावण दहन की तैयारी चल रही है तो वहीं मंडला जिले में मूल निवासी युवा छात्र संगठन के बैनर तले सुरेंद्र सिरसाम और साथियों द्वारा हिंदू समाज द्वारा रावण के पुतला दहन का विरोध करते हुए प्रशासन से इस पर रोक लगाने की मांग की गई. साथ ही धमकी दी गई, कि यदि रावण का पुतला दहन किया जाएगा तो संगठन द्वारा राम का पुतला भी दहन किया जाएगा. बता दें कि रावण दहन का विरोध कर रहे लोग अपने को रावण का विरोध करते हैं, इसलिए रावण दहन का विरोध कर रहे हैं.

उक्त घटनाक्रम के बाद जंहा जिले के हिंदूवादी संगठन और आमजन में भारी आक्रोश है. वहीं जिला और पुलिस प्रशासन अलर्ट है कि किसी की धार्मिक भावनाएं भड़काकर साम्प्रदायिकता न फैले और शांति व्यवस्था बनी रहे. इसको ध्यान में रखते हुए सभी थाना क्षेत्रों में आदेश जारी किया गया, कि फेसबुक, वाट्सएप, सोशल मीडिया और व्यक्तिगत तौर पर किसी भी समाज के धार्मिक, सामाजिक और देवी-देवताओं को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट और कमेंट न किये जायें. ऐसा करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

पुलिस द्वारा इस अलर्ट के बावजूद इसके कथित लोगों द्वारा हिंदू देवी देवताओं को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट सोशल मीडिया में शेयर किए जा रहे थे. इसी बात से नाराज सैकड़ों हिन्दू लोग और आमजन ने जिला प्रशासन से मांग की है कि ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाय. हिंदूवादी संगठनों के विरोध के बाद आज अपने को मूल निवासी बताने वाले कथित नेता और राम दहन की चेतावनी देने वाले सुरेंद्र सिरसाम ने एक वीडियो जारी कर हिन्दू समाज व जिला प्रशासन से ये कहते हुए माफी मांगी है कि राम दहन की बात त्रुटिवश कही गई थी, जिसका उसे खेद है. इसका वीडियो जारी करते हुए सुरेंद्र ने खेद तो व्यक्त कर दिया परन्तु रावण दहन के विरोध पर अडिग है. 

इस मामले को लेकर जहां हिंदू समाज सुरेंद्र और उसके साथियों पर उनके आराध्य को लेकर की गई टिप्पणी पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं. वहीं प्रशासन शिकायत पर कानूनी कार्रवाई की बात कह रहा है. लेकिन इसके बावजूद मूल निवासी संगठन के बयान और उस पर अब तक कार्यवाही न होने से लोगों में रोष है और स्थिति तनावपूर्ण है. जबकि रावण दहन की परंपरा निर्वहन के लिए मात्र आज का समय है.

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यहां होती है रावण की पूजा
मंडला जिले में सागर ग्राम पंचायत एक ऐसा गांव है जहां आदिवासियों के इष्ट देव रावण का मंदिर है और यहां के लोग रोजाना रावण की पूजा करते हैं. इस गांव में दशहरे पर रावण का पुतला नहीं जलाया जाता है. यहां के ग्रामीण रावण को भगवान मानकर उसकी पूजा करते हैं.

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