सिर्फ 45 दिनों में छत्तीसगढ़ की बेटी ने किया माउंट एवरेस्ट फतह, चोटी पर फहराया तिरंगा
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सिर्फ 45 दिनों में छत्तीसगढ़ की बेटी ने किया माउंट एवरेस्ट फतह, चोटी पर फहराया तिरंगा

छत्तीसगढ़ की बेटी याशी जैन ने महज 45 दिनों के अंदर माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) फतेह करने में सफलता हासिल की है. इसे लेकर उनके परिजन तो खुश है ही, साथ ही सीएम भूपेश बघेल ने खुद मिलकर उन्हें बधाई दी है. 

सिर्फ 45 दिनों में छत्तीसगढ़ की बेटी ने किया माउंट एवरेस्ट फतह, चोटी पर फहराया तिरंगा

रायगढ़:  रायगढ़ की बिटिया याशी जैन (Raigarh Yashi jain) अपनी कड़ी मेहनत और लगातार प्रयास से विश्व के सबसे बड़े ऊंची चोटी को फतह कर ली है. विश्व के सबसे बड़े ऊंची चोटी कहे जाने वाले माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) को महज 45 दिनों के अंदर फतेह करने में सफलता हासिल की है. याशी जैन के द्वारा एवरेस्ट पर तिरंगा झंडे के साथ ,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ परचम फहराया है. इससे पहले भी याशी जैन के द्वारा कई विश्व के प्रसिद्ध बड़े पहाड़ों पर चढ़ने और तिरंगा झंडा फहराने में सफलता हासिल की है.

बता दें कि याशी जैन ने दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट अकंकागुआ (6961 मीटर) , अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटीमाउंट किलिमंजारो (5896 मीटर) ,लोबुचे ईस्ट पीक (6119 मी) ,आईलैंड पीक नेपाल (6189 मी), माउंट एल्ब्रस (5642 मीटर), यूरोप की सबसे ऊंची चोटी, हिमालयी क्षेत्र में माऊंट जोगिन 3 चोटी (6116 मीटर) जैसे पहाड़ों में याशी जैन ने छत्तीसगढ़ का परचम लहराया है.

सीएम बघेल ने किया ट्वीट

45 दिनों में सफलता
दरअसल बीते दो वर्ष पहले याशी जैन ने 2021 में माउंट एवरेस्ट फतह करने के लिए पूरी तैयारी की थी और एवरेस्ट फतह करने के लिए बेस कैंप से लगभग 8000 मीटर की चढ़ाई भी कर चुकी थी, लेकिन बदलते मौसम और तबीयत बिगड़ने के कारण माउंट एवरेस्ट का सपना कुछ दिनों के लिए टल गया था. ,लेकिन अपनी दिन रात के परिश्रम के बाद इस वर्ष लगभग 45 दिनों के अंदर ही माउंट एवरेस्ट जोकि विश्व की सबसे ऊंची चोटी मानी जाती है, उसमें अपना और छत्तीसगढ़ परचम लहराने में सफलता हासिल की है.

मुश्किलों का किया सामना
एवरेस्ट फतह करने के लिए कई मुश्किलों का सामना याशी जैन और उनके परिवार को करना पड़ा था. उनके पिता एक सामान्य मिडिल क्लास मध्यमवर्गीय परिवार से हैं. उनके पिताजी अखिलेश जैन निजी बैंक में कार्यरत है. उनकी बेटी को सफल पर्वतारोही बनने के सपनों को पूरा करने के लिए दिन और रात मेहनत किए हैं. एवरेस्ट फतह करने के लिए आर्थिक स्थिति थोड़ी कमजोर हो गई थी, क्योंकि अपनी बेटी की ट्रेनिंग और यात्रा के लिए अपनी जमा पूंजी खर्च कर चुके थे. जिस वजह से उनके पिता और याशी जैन ने शहरवासियों से आर्थिक मदद की गुहार लगाई थी. जिस पर कई सामाजिक संगठनों और शासकीय अधिकारियों ने इस मुहिम के लिए आर्थिक सहायता राशि दी थी. जिसके परिणाम स्वरूप याशी जैन ने आज फिर एवरेस्ट फतह कर रायगढ़ वासियों और छत्तीसगढ़ के लोगों को एक गौरव का फल दिया है.

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