MP Next CM: भीम आर्मी चीफ ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (bhopal News ) से हुंकार भरी तो गूंज बीजेपी कांग्रेस कार्यालय तक पहुंची. चंद्रशेखर आजाद (Bheem Army Chandra Shekar Ravan) ने दावा किया कि हम प्रदेश में आगला सीएम आदिवासी समाज का ही बनाएंगे, तो सूबे में खलबली मचती दिख रही है. एमपी में 17 प्रतिशत एससी वोट बैंक है और 48 प्रतिशत ओबीसी मतदाता हैं.
Trending Photos
Mp Assembly Election: भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad Bheem Army) ने अगले विधानसभा चुनाव (Mp Assembly Election) में उतरने की तैयारियों के लिए हुंकार भर दी है. भोपाल के भेल दशहरा मैदान से रैली के दौरान उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में अगला मुख्य मंत्री आदिवासी और दलित समाज से ही होगा. उनकी इस ललकार के बाद एमपी के दलितों के वोटबैंक को जोड़ने के प्रयास में लगी भाजपा (BJP) कांग्रेस की चिंता बढ़ती दिख रही है.
दलित वोटबैंक पर पड़ेगा प्रभाव
आजाद की रैली के बाद इसका नुकसान भाजपा और कांग्रेस दोनों को भुगतना पड़ सकता है. जहां पर एक तरफ सीएम शिवराज नई - नई योजनाओं के जरिए आदिवासियों को जोड़ने का प्रयास कर रहें हैं वहीं भीम आर्मी की सभा उनके वोट बैंक में सेंध लगा सकती है. अगर एमपी में एससी वोट बैंक की बात करें तो ये 17 प्रतिशत है जबकि यहां पर 48 प्रतिशत ओबीसी मतदाता हैं. ऐसे में भीम आर्मी की एंट्री भाजपा - कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है.
इनको बनाएंगे सीएम डिप्टी सीएम
अपनी रैली के दौरान उमड़े जनसैलाब को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में अगर हमारा साथ आदिवासी समाज दे तो हम आदिवासी समाज का सीएम बनाएंगे. इसके अलावा कहा कि उनके साथ एक डिप्टी सीएम एससी वर्ग से, एक ओबीसी और एक अल्पसंख्यक समाज का होगा. ये लोग मिलकर के प्रदेश की बागडोर संभालेंगे और जनता के हितों में काम करेंगे. इस रैली का उद्देश्य आरक्षण के मुद्दों पर बात करना था लेकिन इस रैली ने पूरी तरह से भीम आर्मी की एमपी विधानसभा के चुनाव में एंट्री करने को लेकर दिखी.
करणी सेना की मांगो का किया विरोध
बीते दिन राजधानी भोपाल में करणी सेना ने अपनी कई मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था और लगभग उसकी सारी मांगे मान ली गई थी. लेकिन भीम आर्मी चीफ ने अपनी सभा के दौरान उनकी मांगों का विरोध किया और प्रदेश सरकार से 25 सूत्रीय मांगे की. भीम आर्मी द्वारा जारी मांग-पत्र में कहा गया है कि ओबीसी वर्ग को जनसंख्या के आधार पर 52% आरक्षण, पुरानी पेंशन योजना,बैकलॉग पदों पर भर्ती, अतिथि शिक्षकों और कोरोना काल में काम कर चुके कर्मचारियों का नियमितीकरण, जातिगत जनगणना और पुलिसकर्मियों के लिए साप्ताहिक छुट्टी जैसे मुद्दे शामिल हैं. अगर हम भीम आर्मी की रैली की बात करें तो इसमें जयस, ओबीसी महासभा, दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग सहित कई अन्य दलों ने सहभाग किया.