भिंड में सामूहिक आत्महत्या, पति-पत्नी और बेटे की मौत, बच्ची की बची जान
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भिंड में सामूहिक आत्महत्या, पति-पत्नी और बेटे की मौत, बच्ची की बची जान

भिंड जिले के गोहद से तीन किलोमीटर दूर कठमा गुर्जर गांव में एक परिवार ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया, जहां पति-पत्नी और बेटे की मौत हो गई, जबकि बच्ची की जान बच गई. हालांकि उसका इलाज चल रहा है. 

भिंड में सामूहिक आत्महत्या, पति-पत्नी और बेटे की मौत, बच्ची की बची जान

प्रदीप शर्मा/भिंड। भिंड के गोहद इलाके में एक पूरे परिवार ने सामूहिक फांसी लगा ली, इस घटना में पति-पत्नी सहित एक बच्चे की मौत हो गई. जबकि एक छोटी बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है. जिसका ग्वालियर में इलाज चल रहा है. घटना के बाद पुलिस जांच में जुटी हुई है. 

दरअसल, घटना गोहद से तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित कठमा गुर्जर गांव की है, गांव में रहने वाले धर्मेंद्र गुर्जर ने अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चों के साथ फांसी लगा ली, जिसमे धर्मेंद्र उसकी पत्नी अमरेश और 12 वर्षीय बेटे प्रशांत की मौत हो गयी, जबकि स्थानीय लोगों की मदद के चलते 9 साल की मासूम बेटी मीनाक्षी की जान बचा ली गयी, हालांकि उसकी हालत गंभीर होने के चलते उसे प्राथमिक उपचार के बाद ग्वालियर रैफर कर दिया गया है. 

इस तरह चला घटना का पता 
घटना के पीछे के कारणों का तो अब तक पता नहीं चल सका है, लेकिन बताया जा रहा है कि धर्मेंद्र का परिवार आमतौर पर हमेशा सुबह छ: बजे तक उठ जाता था. शनिवार सुबह जब काफी देर तक घर का दरवाजा नहीं खुला तो आस पास रहने वाले परिजन अचंभित हुए और घर का दरवाजा खटखटाया. लेकिन उसके बाद भी न तो किसी ने अंदर से आवाज दी और न ही दरवाजा खोला, ध्यान से सुनने पर अंदर से बच्ची के सिसकने की आवाज आ रही थी, इस पर घर के अन्य परिजनों और पड़ोसियों ने तुरंत पुलिस को फोन किया. 

बताया जा रहा है कि किसी अनहोनी के डर से थाना प्रभारी द्वारा रवाना होने के साथ ही वीडियोग्राफी के साथ दरवाजा खोलने और बच्ची के सिसकने की वजह तलाश करने की सलाह दी गयी. कुछ ही मिनटों में पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा खुलवा कर घर में दाखिल हुई तो अंदर का नाजारा देखकर सब हैरान रह गए. क्योंकि कमरे में धर्मेंद्र गुर्जर और उसकी पत्नी अमरेश फांसी पर लटके हुए थे, वहीं धर्मेंद्र का 12 साल का बड़ा बेटा प्रशांत जमीन पर पड़ा हुआ था, उसकी भी मौत हो चुकी थी. 

मासूम बच्ची की बची जान 
कमरे में ही जमीन पर पड़ी 9 साल की मासूम बेटी मीनाक्षी भी तड़प रही थी, जिसके गले पर भी फंदे के निशान थे, पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से तुरंत बच्ची को गोहद अस्पताल भिजवाया और उसे प्राथमिक उपचार के बाद ग्वालियर रैफर कर दिया गया. 

थाना प्रभारी द्वारा घटना की सूचना अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भी दी गयी. घटना की जानकारी लगते ही भिंड एसपी शैलेन्द्र सिंह चौहान भी मौके पर पहुंचे और पूरे मामले का खुद जायजा लिया. वहीं भिंड से फॉरेंसिक टीम भी घटना स्थल पर पहुंच कर जांच में जुटी हुई है. हालांकि पूरे परिवार ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया इस बारे में कोई जानकारी अब तक सामने नहीं आ सकी है.  मामले में भिंड जिले के एसपी शैलेंद्र सिंह का कहना है कि  घटना में बचने बाली 9 साल की मासूम मीनाक्षी का इलाज ग्वालियर अस्पताल में चल रहा है, उसकी स्थिति नॉर्मल होने पर ही कुछ बात सामने आएगी कि आखिर आत्महत्या के पीछे का कारण क्या है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है. 

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