Bandhavgarh Tiger Reserve: विश्व की टॉप 10 खोजों में शामिल हुआ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, हेरिटेज डेली की रिपोर्ट
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Bandhavgarh Tiger Reserve: विश्व की टॉप 10 खोजों में शामिल हुआ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, हेरिटेज डेली की रिपोर्ट

Mp news : मध्य प्रदेश के उमरिया (Umaria Madhya Pradesh) जिले में स्थित विश्वप्रसिद्ध बाँधवगढ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) को ब्रिटेन की पुरात्तव पर केंद्रित संस्था हेरिटेज डेली (Daily Heritage) ने विश्व की टॉप 10 ऐतिहासिक खोजों (Top 10 historical discoveries of the world) में शामिल किया है, जिसमें प्राचीन काल के सैकड़ों अवशेष मिले हैं. इसके बाद से लोगों का रूझान इसकी तरफ और बढ़ गया है.

 

Bandhavgarh Tiger Reserve: विश्व की टॉप 10 खोजों में शामिल हुआ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, हेरिटेज डेली की रिपोर्ट

Umaria Bandhavgarh Tiger Reserve: मध्य प्रदेश राज्य (Madhya Pradesh News)  के उत्तर-पूर्वी छोर पर स्थित उमरिया जिले के विश्वप्रसिद्ध बाँधवगढ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) को एक और उपलब्धि मिली है. आपको बता दें कि टाइगर रिजर्व के भीतर भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा की गई खोज को ब्रिटेन की पुरात्तव पर केंद्रित संस्था हेरिटेज डेली ने विश्व की टॉप 10 ऐतिहासिक खोजों (Top 10 historical discoveries of the world) में शामिल किया है. आपको बता दें कि इस उद्दान में मंदिर , गुफा, शिलालेख सहित कई प्राचीन अवशेष बरामद किए गए हैं.

ये अवशेष हुए बरामद 
भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा की गई खोज में  बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व से 2000 हजार साल से भी पुराने अवशेष, पुरातात्विक अभिलेख, भित्ति चित्र, मन्दिर,गुफाएं और ब्राम्ही लिपि मौजूद है. सर्वेक्षण के दौरान एएसआई की टीम को बाँधवगढ में 26 प्राचीन मंदिर के अवशेष, 26 गुफाएं दो मठ, दो स्तूप, 24 अभिलेख, 46 प्रतिमाओं के अवशेष, 19 जल सरंचनाओं के अवशेष और 20 बिखरे हुए प्राचीन समानों के अवशेष मिले हैं. इसके अलावा नए पुरावशेषों में पहली बार प्राप्त मनौती स्तूप एवं बौद्ध स्तूप युक्त स्तंभ महत्वपूर्ण है लोग कहते हैं कि इस खोज से बाँधवगढ के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है.

आस्था, साहित्य का भी केंद्र है बाँधवगढ़ टाइगर रिसर्व 
दुनिया भर में बाघ के लिए मशहूर बाँधवगढ टाइगर रिजर्व बाघ पर्यटन के अलावा धार्मिक आस्था का केंद्र भी है. यहां सदियों पुराना रामजानकी मंदिर,कबीर गुफा और प्रसिद्ध संत सेन महाराज एवं संत नामदेव की तपोस्थली भी मौजूद है. इसके अलावा अंतिम बघेल शासकों ने यहां सोलहवीं शताब्दी से लेकर आजादी तक राज किया है. लेकिन उसके पहले दो हजार पुराना इतिहास क्रमबद्ध तरीके से लिपिबद्ध न होने से पूर्व के इतिहास की जानकरी से लोग अनभिज्ञ हैं. एएसआई की सर्वे रिपोर्ट से लोगों में अपने दो हजार साल पुराने इतिहास के क्रम और वैभव को जानने की उत्सुकता बनी हुई है.

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धार्मिक पर्यटन स्थल बनने की बढ़ी संभावनाएं
हेरिटेज द्वारा टॉप टेन खोजों में शामिल किए गए जाने के बाद लोगों का ऐसा मानना है कि इस राष्ट्रीय उद्दान को धार्मिक पर्यटन स्थल बनने की संभावनाओं पर बल दिया है. बता दें कि लोगों की मांग भी है कि इस स्थल को धार्मिक पर्यटन बनाया जाए इससे यहां पर लोगों की संख्या भी बढ़ेगी साथ ही साथ लोग अपने प्राचीन समय के मंदिर , स्तूप, ऐतिहासिक जानकारियों से रूबरू होंगे. इसके अलावा आपको बता दें कि यहां पर हेरिटज पाठशाला चलाने की भी मांग की जा रही है. बता दें कि हाल में ही भारतीय पुरातत्व विभाग के संचालक डॉ शिवकांत वाजपेयी ने अपने एक बयान में हेरिटेज पाठशाला चलाने की बात कही थी. इसके अलावा आपको बता दें कि ये सारी जानकारी डॉ विमला मरावी, संतोष कुमार द्विवेदी , त्रिभुवन प्रताप सिंह,  श्रीष चंद्र भट्ट जैसे इतिहासकारों शिक्षाविद् एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दी है.

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