डिश टीवी की छतरी में सिग्नल सेट करने गए 10 वर्षीय बालक के आंख के पास घुसा 5 फिट नुकीला भाला घुस गया. जिसके बाद पांच फीट का नुकीला सरिया पकड़कर ऑटो में सवार होकर 50 किलोमीटर का सफर तय कर जिला अस्पताल पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर नुकीला भाला निकाला
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शहड़ोल/ पुष्पेंद्र चतुर्वेदी: शहड़ोल जिले के जय सिहंनगर में घटी दर्दनाक घटना हर माता-पिता को सतर्क करने वाली है. दरअसल यहां 10 साल के बच्चे की आंख लोहे की नुकीली भाला ( तीरनुमा ) घुस गया. बच्चा सुबह डिश टीवी की छतरी में सिग्नल सेट करने छत पर चढ़ा था, इस दौरान उसका पैर फिसल गया. छत के नीचे रखा नुकीला सरिया उसके दाहिने आंख के पास घुस गया.
इसके बाद परिजन आनन-फानन में हाथ में पांच फीट का नुकीला भाला पकड़कर जयसिंहनगर 50 किलो मीटर का सफर तय कर शहड़ोल अस्पताल पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने सफल ऑपरेशन के बाद बालक के चेहरे से सरिया सुरक्षित निकाल लिया.
दरअसल जिले के जय सिहंनगर थानां क्षेत्र के ग्राम कुबरा के रहने वाले 10 वर्षीय अनिल कोल टीवी देखने के लिए गया. जहां टीवी पर सिग्नल नहीं मिलने पर छत में लगे, डिश टीवी की छतरी में सिग्नल सेट करने छत पर चढ़ा था. इस दौरान उसका पैर फिसल गया, छत के नीचे रखा नुकीला भाला उसके दाहिने आंख के पास घुस गया. जिससे परिजन आनन-फानन में हाथ में पांच फीट का नुकीला भाला पकड़कर जयसिंहनगर अस्पताल पहुंचे. जहां डाक्टरो ने क्रिटिकल कंडीशन होने के कारण शहड़ोल जिला अस्पताल रेफर कर दिया.
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20 मिनट का सफल ऑपरेशन हुआ
परिजन आनन-फानन में हाथ में पांच फीट का नुकीला भाला पकड़कर जयसिंहनगर से ऑटो में सवार होकर 50 किलोमीटर का सफर तय कर जिला अस्पताल पहुंचे. जहां बालक की हालत को देखकर सभी दंग रह गए. शहड़ोल जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ डीएस परिहार ने ड्यूटी पर तैनात डॉ अपूर्व पांडे धनंजय चतुर्वेदी सभी ने मिलकर 20 मिनट के सफल ऑपरेशन के बाद बालक के चेहरे से नुकीला भाला निकाल लिया.
आंख सुरक्षित
डॉक्टरों ने बताया की बच्चे की आंख सुरक्षित है. बच्चे को डॉक्टर की निगरानी में रखा गया है. जल्द घाव भरेंगे को अस्पातल से छुट्टी भी दे दी जाएगी.