MP News: इंदौर स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने एक बड़ा फैसला लिया है. फैसले के अनुसार विश्वविद्यालय ने अब अपने सभी दस्तावेजों पर 'इंडिया' की जगह 'भारत' नाम का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. विश्वविद्यालय के कुलपति का कहना है कि हम इस फैसले को जल्द ही लागू करेंगे.
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Indore News: मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित प्रमुख शैक्षणिक संस्थान देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के तहत विश्वविद्यालय ने अपने सभी दस्तावेजों पर 'इंडिया' की जगह 'भारत' नाम का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. अब से विश्वविद्यालय के सभी दस्तावेजों में 'भारत' नाम का इस्तेमाल किया जाएगा, चाहे वह डिग्री हो या अन्य प्रमाण पत्र. बताया गया है कि देश-विदेश में विश्वविद्यालय के सभी प्रशासनिक कार्यों में 'भारत' नाम का इस्तेमाल किया जाएगा.
ऐसा निर्णय लेने वाला पहला विश्वविद्यालय
यह पहला विश्वविद्यालय है जिसने अपने दस्तावेजों से इंडिया नाम हटाकर भारत नाम का उपयोग करने का फैसला किया है. मिली जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.राकेश सिंघई का कहना है कि हमने 'एक राष्ट्र-एक नाम' के विचार को अपनाते हुए यह निर्णय लिया है. विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक में यह प्रस्ताव पारित हो चुका है और जल्द ही इस बदलाव को लागू कर दिया जाएगा ताकि विश्वविद्यालय के सभी दस्तावेजों पर भारत नाम नजर आए.
'इंडिया' अंग्रेजों द्वारा दिया गया नाम है
वाइस चांसलर डॉ.राकेश सिंघई का कहना है कि वे अपने विजिटिंग कार्ड पर भी 'भारत' नाम का इस्तेमाल करते रहे हैं. इंडिया नाम अंग्रेजों ने दिया था. प्राचीन काल से ही हमारे देश का नाम 'भारत' रहा है और इसी नाम को बढ़ावा देने के लिए हमने यह फैसला लिया है, ताकि देश की ऐतिहासिक पहचान और नाम का प्रचार हो सके.
'भारत' नाम पर विवाद
बता दें कि पिछले साल यह मामला देश में विवाद का कारण बन गया था. जब राष्ट्रपति के निमंत्रण पत्र के बाद जी-20 अधिकारियों के विजिटिंग कार्ड और प्रधानमंत्री के जकार्ता दौरे के नोट में भी अंग्रेजी के इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल किया गया था. निमंत्रण पत्र पर भारत के राष्ट्रपति का नाम लिखे जाने पर काफी विवाद हुआ था. विपक्षी दल ने भी सरकार पर खूब कटाक्ष किए थे.