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Ujjain Mahakaleshwar Bhasma Aarti Online Booking: महाकाल के हर भक्त की आस्था होती है कि वो जब दर्शन के लिए जाए तो महाकाल की भस्म आरती में जरुर शामिल हो. महाकाल की भस्म आरती में शामिल होने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन टिकट लेना पड़ता है. क्योंकि, प्रतिदिन निश्चित संख्या में निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत भस्मारती में श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाता है. हाल ही में महाकाल मंदिर प्रशासन द्वारा ऑफलाइन भस्मआरती की बुकिंग में बदलाव किया गया है. ऐसे में अगर आप भी भस्म आरती में शामिल होना चाहते है आइए जानते हैं टिकट की बुकिंग ऑनलाइन और ऑफलाइन कैसे होगा?
जानिए ऑनलाइन बुकिंग की शर्त
बता दें कि बाबा महाकाल की भस्मआरती के लिए आप ऑनलाइन बुकिंग 60 दिन पहले कर सकते हैं. आप चाहे तो दर्शन से ठीक दो दिन पहले भी ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं. एक श्रद्धालु अपने अकाउंट से सिर्फ 10 लोगों की टिकट बुक कर सकता है. ऑनलाइन बुकिंग के लिए श्रद्धालुओं को 200 रुपए का भुगतान करना पड़ता है. भस्म आरती देखने के लिए पुरुषों को केवल धोती पहननी पड़ती है, वहीं महिलाओं को आरती के दौरान सिर पर घूंघट रखना पड़ता है.
भस्म आरती के लिए ऐसे करें ऑनलाइन बुकिंग (Mahakaleshwar Bhasm Aarti Online Booking)
बुकिंग के नियमों में बदलाव
विश्व प्रसिद्ध द्वादश ज्योर्तिलिंगों में उज्जैन का ज्योर्तिलिंग एकमात्र ऐसा ज्योर्तिलिंग है, जो दक्षिणमुखी है. दक्षिण दिशा के स्वामी यमराज हैं. इसलिए महादेव के इस मंदिर को महाकाल कहा जाता है. बाबा महाकाल की भस्म आरती विश्व प्रसिद्ध है. इसे देखने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं. भस्म आरती में प्रवेश को लेकर हमेशा बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को शिकायत रहती थी. इस शिकायत को महाकालेश्वर मंदिर समिति ने दूर करने की कोशिश करते हुए ऑफलाइन टिकट के नियमों में कुछ बदलाव किया है.
ऐसे बुक होगी ऑफलाइन टिकट
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने ऑफलाइन भस्मआरती की बुकिंग के नियमों में कुछ बदलाव किया है. ऑफलाइन भस्मआरती के टिकट के लिए प्रतिदिन शाम को 7 से रात 9 बजे तक मंदिर के काउंटर से फॉर्म मिलेंगे. भक्तों को इस फॉर्म को भरकर रात में 11 बजे से पहले जमा करना होगा. फॉर्म जमा होने के बाद उपलब्ध सीटों के आधार पर महाकाल के भक्तों को टिकट दिया जाएगा. इसके बाद श्रद्धालु उसी दिन सुबह होने वाली भस्मआरती में शामिल हो सकेंगे. इससे पहले ऑफलाइन टिकट की बुकिंग एक दिन पहले करनी पड़ती थी. इस बदलाव से महाकाल के भक्तों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
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