छत्तीसगढ़ में संदिग्धों के पास से पुलिस को मिले विदेशी दस्तावेज, आदिवासी बेटियों को फंसाने के तार बांग्लादेशी, रोहिंग्या से जुडे़
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छत्तीसगढ़ में संदिग्धों के पास से पुलिस को मिले विदेशी दस्तावेज, आदिवासी बेटियों को फंसाने के तार बांग्लादेशी, रोहिंग्या से जुडे़

chhattisgarh news-छत्तीसगढ़ में आदिवासी लड़कियों को फोन पर फांसने वालों के तार बांग्लादेश के मुस्लिमों और रोहिंग्या से जुड़े हैं. पुलिस को संदिग्धों के पास से इनसे जुड़े हुए दस्तावेज मिले हैं. 

 

छत्तीसगढ़ में संदिग्धों के पास से पुलिस को मिले विदेशी दस्तावेज, आदिवासी बेटियों को फंसाने के तार बांग्लादेशी, रोहिंग्या से जुडे़

cg news-छत्तीसगढ़ के बस्तर समेत अन्य आदिवासी लड़कियों को फंसाकर बिहार, युपी, मुंबई और पीओके तक ले जाने के बाद मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. इन लड़कियों को फोन पर अनजाने नंबर से फांसने वालों के तार बांग्लादेश, रोहिंग्या और दूसरे देशों से जुड़ रहे हैं. कोंडागांव पुलिस की स्पेशल टीम ने कुछ संदिग्धों को पकड़ा है. 

इन लोगों पर बांग्लादेशी, रोहिंग्या होने का शक है. 

पुलिस ने हिरासत में लिया
कोंडागांव की स्पेशल रेस्क्यू टीम को चेंकिग के दौरान टोल नाके पर 3 संदिग्ध मिले हैं. इनमें अलामित शेख, शकीफुर और टोपाइल शेख शामिल हैं, सभी के पास बांग्लादेश के नागरिक होने के दस्तावेज मिले हैं. वहीं इन सभी के पास से बड़ी संख्या में स्थानीय लड़कियों के मोबाइल नंबर, फोटे-वीडियो मिले हैं. पुलिस इनकी नागरिकता की जांच कर रही है. 

पहचान बढ़ाकर लेते हैं नंबर
पुलिस की जांच में सामने आया है कि यह लोग लड़कियों को फंसाने के लिए फेरीवाले बनकर आते हैं. ये लड़के, लड़कियों को कम दाम में चीजें बेचते हैं. बार-बार सामान बेचने के बहाने से पहचान कर लेते है और फिर उनका मोबाइल नंबर ले लेते हैं. इसके अलावा कई बार ये टाइल्स मिस्त्री, कबाड़ी, इलेक्ट्रिशियन के रूप में भी घूमते हैं. नंबर लेने के बाद इन्हें बाहर भेज देते हैं. इसके बाद इन नंबरों पर फोन आना शुरू होता है. अब तक 260 से ज्यादा लड़कियां इनके जाल में फंस चुकी हैं. 

शादी कर ले रहे पीएम आवास
ये बाहरी मुस्लिम युवा आदिवासी लड़कियों से शादी कर रहे हैं. आदिवासी क्षेत्र में आदिवासी ही जमीन खरीद सकता है, वे लड़कियों के नाम पर जमीन खरीद रहे हैं. इनके पास आधार, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड भी हैं. इन दस्तावेजों के जरिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान भी उन लोगों को मिल गए हैं. 

स्क्रीन शॉट भेज रही लड़कियां
एसपी अक्षय कुमार ने बताया कि बाहरी लड़के स्थानीय आदिवासी लड़कियों से बात करते हैं और फिर ​उन्हें विश्वास में लेते हैं. लड़कियां सिर्फ उनसे ही बात कर रही हैं, इसका प्रूफ लेने के लिए रीसेंट कॉल और चैट का स्क्रीन शॉट मांगते हैं. इन स्क्रीन शॉट में जो नंबर होते हैं, ये लड़के उनमें रॉन्ग कॉल करते हैं. इस प्रकार से दूसरी लड़कियों के नंबर शेयर हो रहे हैं.

PoK तक पहुंची पुलिस 
दो साल पहले कोंडागांव-जगदलपुर बॉर्डर पर कुछ फेरीवालों को पुलिस ने पकड़ा था.  उनके पास बस्तर की 5 लड़कियों के नंबर मिले थे. इनसे पूछताछ के आधार पर पुलिस एक लड़की को रेस्क्यू करने के लिए जम्मू के पीओके तक पहुंची थी. इसके बाद बस्तर की लड़की को रेस्क्यू किया गया था. 

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