स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने देश की दो करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का ऐलान किया.
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Lakh Pati didi: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने देश की दो करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का ऐलान किया. वहीं पीएम ने छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के ग्राम बादलपुर की बिहान अंतर्गत इंटीग्रेटेड फॉर्मिंग कलस्टर के तहत लखपति दीदियों की पहल करने वाली उषा कोर्राम का जिक्र किया है. अब ज़ी मीडिया ने लखपती दीदी से बात करने पंहुचा उनके घर जाना हाल है.
आज हम कोंडागांव जिले का नक्सल प्रभावित ग्राम बादलपुर की उषा कोर्राम सामान्य ग्रहणी से सफल व्यवसाई तक का सफर के बारे में बताएंगे. जिला मुख्यालय से 32 किलोमीटर की दूरी पर बसा ग्राम पंचायत बादलपुर की दीदी उषा कोर्राम बेहद गरीब परिवार से हैं. उषा कोर्राम के परिवार में 9 सदस्य रहते हैं. कम भूमि होने की वजह से और कोई रोजगार नहीं होने की वजह से परिवार पूरा आर्थिक तंगी से जूझ रहा था.
मैं माताओं-बहनों, बेटियों से कहना चाहता हूं कि देश आज मेरी माताओं-बहनों के सामर्थ्य से आगे बढ़ा है।
आज देश प्रगति की राह पर चल पड़ा है तो मेरे किसान भाई-बहनों का पुरुषार्थ है, यह आप ही का परिश्रम है कि देश आज कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।#IndependenceDay pic.twitter.com/WhhVToA3Zf
— BJP (@BJP4India) August 15, 2023
आर्थिक तंगी हुई दूर
आर्थिक तंगी के वजह से उषा कोर्राम अपनी मां और अन्य बहनों के साथ कुछ करने की सोचती थी, मगर ग़रीबी व गाइडेन्स नहीं मिलने की वजह से आगे कुछ नहीं कर पा रही थी. मगर बिहान योजना के तहत लखपती दीदी योजना के तहत इन्हें जब क़ृषि के क्षेत्र में कलस्टर दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के कृषि क्षेत्र के साथ अन्य क्षेत्रों में शासन से मिलने वाली योजना का पता लगा तो वे आगे आई. वहीं बिहान टीम ने उन्हें खाद बीज दवा सभी चीजें मुहैया करवाया. जिससे आज उषा व उसका पूरा खेती कर आर्थिक रूप से मजबूत होकर लखपती दीदी के रूप में अपना नाम बना रही है और देश के प्रधानमंत्री ने भी इनके कार्य की तारीफ की है. ताकि और भी दीदियां इनकी तरह कृषि व अन्य क्षेत्रों मे कार्य कर लखपती दीदी बने.
आसपास के लिए महिलाओं के लिए प्रेरणा
उषा ने बताया कि योजना के तहत अब वे क़ृषि कार्य कर रही है. पिछली बार लौकी, बरबटी की खेती की थी और प्रति बाजार 1000 की आमदनी करती है. अब वे बैगन व अन्य सब्जी लगाई है, उनका साथ उनका परिवार देता है. उन्हें देखकर अब गांव की अन्य महिलाएं भी आगे बढ़ रही है जल्द ही लखपती बनने की बात कह रही है.
बता दें कि नक्सल प्रभावित इलाकों की महिलाएं अब चारदीवारी से बाहर निकलकर कृषि के क्षेत्र में भी क्रांति लाने की ओर आगे बढ़ रही है और लखपती दीदी के नाम से पहचान उन्हें देशभर में मिल रही है. वहीं अब तो पीएम मोदी ने इस बात का जिक्र लाल किले की प्राचीर से कर दिया.
रिपोर्ट- चंपेश जोशी