St Xavier’s University Kolkata: विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा स्पष्टीकरण के लिए बुलाई गई प्रोफेसर ने कहा था कि किसी भी परिस्थिति में उसका कोई भी छात्र उन तस्वीरों तक नहीं पहुंच सकता है, जो उन्होंने विश्वविद्यालय ज्वाइन करने से दो महीने पहले इंस्टाग्राम पर पोस्ट की थीं, क्योंकि तब तक तस्वीरें अपने आप ट्रैश सेक्शन में चली जाती थीं.
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Kolkata News: कोलकाता के प्रतिष्ठित सेंट जेवियर्स विश्वविद्यालय में एक सहायक प्रोफेसर को स्विमिंग सूट में तस्वीरें पोस्ट करने पर पिछले साल अक्टूबर में इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा था. अब विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा उनके खिलाफ 99 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस जारी किया गया है. सेंट जेवियर्स विश्वविद्यालय की प्रोफेसर के स्विमसूट पहनने और तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करने को लेकर काफी हंगामा हुआ था. यह घटना पिछले साल अक्टूबर में हुई थी, जब एक छात्र के पिता ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों से शिकायत की थी कि उसने अपने बेटे को सहायक प्रोफेसर के स्विमिंग सूट में साझा की गई तस्वीरों में लीन (मग्न) हुए देखा है.
शिकायत में क्या कहा गया था
अपनी शिकायत में, छात्र के परिजन ने तर्क दिया कि एक 18 वर्षीय छात्र के लिए यह अश्लील,असभ्य और अनुचित है कि वह अपने प्रोफेसर को एक सार्वजनिक मंच पर अपने शरीर को प्रदर्शित करने वाले कम कपड़े पहने हुए देखे.
विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा स्पष्टीकरण के लिए बुलाई गई प्रोफेसर ने कहा था कि किसी भी परिस्थिति में उसका कोई भी छात्र उन तस्वीरों तक नहीं पहुंच सकता है, जो उन्होंने विश्वविद्यालय ज्वाइन करने से दो महीने पहले इंस्टाग्राम पर पोस्ट की थीं, क्योंकि तब तक तस्वीरें अपने आप ट्रैश सेक्शन में चली जाती थीं.
उन्होंने तर्क दिया कि उसका इंस्टाग्राम प्रोफाइल निजी (प्राइवेट) है और इसलिए वहां की तस्वीरें उसके फॉओअर्स के अलावा कोई नहीं देख सकता. उन्होंने यह भी आशंका व्यक्त की कि उनका इंस्टाग्राम प्रोफाइल हैक किया गया भी हो सकता है.
हालांकि, विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने उनके तर्क को मानने से इनकार कर दिया और उन्हें इस्तीफा देने या बर्खास्त करने का विकल्प दिया गया. इस्तीफा देने के बाद, उन्होंने कोलकाता पुलिस में एक प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसमें दावा किया गया कि उनका इंस्टाग्राम अकाउंट हैक किया गया हो सकता है.
इस बीच, उन्होंने अपने वकील के माध्यम से विश्वविद्यालय के अधिकारियों को एक पत्र भी भेजा, जिसमें छात्रा के माता-पिता द्वारा दायर शिकायत की एक प्रति मांगी गई थी. जवाब में, अधिकारियों ने उन्हें एक कानूनी नोटिस थमा दिया है, जिसमें दावा किया गया है कि उनका कानूनी नोटिस एक बंद अध्याय (क्लोज्ड चैप्टर) को खोलने के लिए एक 'दुर्भावनापूर्ण', 'हताश' और 'बेईमान' प्रयास है, जिससे उनके संस्थान की छवि को भारी और अपूरणीय क्षति हुई है.
इस काउंटर लीगल नोटिस में, विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने 99 करोड़ रुपये के नुकसान के मुआवजे की भी मांग की है. इस बीच, शहर में नेटिजन्स (इंटरनेट पर समय बिताने वाले) घटनाक्रम को लेकर अलग-अलग राय व्यक्त कर रहे हैं. कुछ लोग सोशल मीडिया पर जहां नैतिक आधार पर सहायक प्रोफेसर को कोसने में जुटे हुए हैं, वहीं अन्य कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनका कहना है कि कोई भी अपने पेशेवर क्षेत्र से परे जो कुछ भी करता है, उससे उसके नियोक्ता (एंप्लॉयर) का कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए.
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