अनंत हेगड़े ने क्या कहा जिसके बाद लालू यादव की भाषा बोलने लगे कर्नाटक के CM
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अनंत हेगड़े ने क्या कहा जिसके बाद लालू यादव की भाषा बोलने लगे कर्नाटक के CM

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि संविधान में संशोधन करके हिंदू धर्म की रक्षा के लिए भाजपा को 400 सीटें सुरक्षित करने की आवश्यकता के बारे में अनंत कुमार हेगड़े का बयान उनका व्यक्तिगत बयान नहीं है, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गुप्त एजेंडे का एक हिस्सा है.

अनंत हेगड़े ने क्या कहा जिसके बाद लालू यादव की भाषा बोलने लगे कर्नाटक के CM

Karnataka CM Siddaramaiah statement: बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े अपने बयान को लेकर विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द को हटाने के लिए भाजपा संविधान में संशोधन करेगी. इसके कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बयान जारी किया और लालू यादव की भाषा बोलने लगे. उन्होंने कहा कि संविधान में संशोधन करके हिंदू धर्म की रक्षा के लिए भाजपा को 400 सीटें सुरक्षित करने की आवश्यकता के बारे में अनंत कुमार हेगड़े का बयान उनका व्यक्तिगत बयान नहीं है, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गुप्त एजेंडे का एक हिस्सा है.

हेगड़े हिंदू धर्म के किस संस्करण की रक्षा करना चाहते हैं: सिद्धरमैया

बयान में कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने आगे कहा, 'हमारा संविधान हर धर्म के लोगों की समान रूप से रक्षा करता है और प्रत्येक नागरिक को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है. तो, अनंत कुमार हेगड़े संविधान में बदलाव करके हिंदू धर्म के किस संस्करण की रक्षा करना चाहते हैं? हेगड़े के बयान ने बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान के संस्करण को मनुस्मृति से प्रभावित अपने संस्करण से बदलने के भाजपा के गुप्त उद्देश्यों को उजागर कर दिया है। भाजपा का संस्करण जाति व्यवस्था की कुरीतियों को मजबूत करेगा. सत्ता में आने पर भाजपा ओबीसी और दलितों के लिए सभी आरक्षण हटा देगी। उनका बयान ओबीसी और दलितों पर सीधा हमला है.

मोदी हेगड़े से असहमत को पार्टी से निकालें: सिद्धरमैया

सिद्धारमैया ने कहा, 'अनंत कुमार हेगड़े का संविधान के खिलाफ बोलने का यह पहला मामला नहीं है. उन्होंने बार-बार संविधान को बदलने का इरादा व्यक्त किया है. वरिष्ठ भाजपा सदस्यों के मौन समर्थन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्पष्ट समर्थन को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि वे हेगड़े के विचारों से सहमत हैं. अगर मोदी हेगड़े की राय से असहमत हैं तो उन्हें सबसे पहले उन्हें पार्टी से बाहर निकालना चाहिए. हेगड़े के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल होना प्रधानमंत्री की अंतर्निहित सहमति को दर्शाता है। ऐसा लगता है कि मोदी की संविधान के प्रति निष्ठा की सार्वजनिक घोषणाएं महज सतही हैं.'

उन्होंने आगे कहा, 'अपनी पार्टी के वरिष्ठों के समर्थन के बिना, अनंत कुमार हेगड़े जैसे सांसद के लिए साहसपूर्वक ऐसे संविधान विरोधी बयान देना असंभव होगा. संविधान को कायम रखने की शपथ लेने वाले हेगड़े का इसके खिलाफ बयान देना दंडनीय अपराध है. लोकसभा अध्यक्ष को हेगड़े के खिलाफ गंभीर कार्रवाई करनी चाहिए और उन्हें चुनाव लड़ने से स्थायी रूप से अयोग्य घोषित करना चाहिए.'

अनंत हेगड़े ने क्या कहा था?

बीजेपी सांसद अनंत हेगड़े ने रविवार को कहा था कि प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द को हटाने के लिए भाजपा संविधान में संशोधन करेगी. उन्होंने लोगों से लोकसभा में भाजपा को दो-तिहाई बहुमत देने का आह्वान किया, ताकि देश के संविधान में संशोधन किया जा सके. हेगड़े ने छह साल पहले भी इसी तरह का बयान दिया था. हेगड़े ने कहा कि भाजपा को संविधान में संशोधन करने के लिए और ‘कांग्रेस द्वारा इसमें जोड़ी गईं अनावश्यक चीजों को हटाने के लिए’ संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होगी.

उन्होंने कर्नाटक के करवार में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा को इसके लिए 20 से अधिक राज्यों में सत्ता में आना होगा. कर्नाटक से छह बार के लोकसभा सदस्य हेगड़े ने कहा, 'अगर संविधान में संशोधन करना है, कांग्रेस ने संविधान में अनावश्यक चीजों को जबरदस्ती भरकर, विशेष रूप से ऐसे कानून लाकर, जिनका उद्देश्य हिंदू समाज को दबाना था, संविधान को मूल रूप से विकृत कर दिया है - यदि यह सब बदलना है, तो यह इस (वर्तमान) बहुमत के साथ संभव नहीं है. अगर हम सोचते हैं कि यह किया जा सकता है, क्योंकि लोकसभा में कांग्रेस नहीं है और (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी के पास लोकसभा में दो-तिहाई बहुमत है, और चुप रहें, तो यह संभव नहीं है.

उन्होंने कहा कि संविधान में बदलाव के लिए लोकसभा, राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत के साथ-साथ दो-तिहाई राज्यों में भी जीत हासिल करना जरूरी है. मोदी ने कहा है कि ‘अबकी बार, 400 पार. 400 पार क्यों? लोकसभा में हमारे पास दो-तिहाई बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में हमारे पास दो-तिहाई बहुमत नहीं है. हमारे पास कम बहुमत है. राज्य सरकारों में हमारे पास पर्याप्त बहुमत नहीं है. आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए को 400 सीट मिलने से इसी तरह का बहुमत राज्यसभा में भी हासिल करने में मदद मिलेगी.

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