भारत दुनिया में किसी से नहीं डरता, जो सही होगा वही करेगा..., 'वीटो' को लेकर जयशंकर ने क्यों भरी हुंकार?
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भारत दुनिया में किसी से नहीं डरता, जो सही होगा वही करेगा..., 'वीटो' को लेकर जयशंकर ने क्यों भरी हुंकार?

India can never permit others to have a veto: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बहुत ही साफ शब्दों में पूरी दुनिया को बता दिया है कि भारत कभी भी दूसरों को अपने विकल्पों पर वीटो लगाने की अनुमति नहीं दे सकता है और वह राष्ट्रीय हित और वैश्विक भलाई के लिए जो भी सही होगा, वह करेगा बिना किसी के दबाव में. जानें जयशंकर ने आखिर किस मामले में इस तरह की कही बातें.

भारत दुनिया में किसी से नहीं डरता, जो सही होगा वही करेगा..., 'वीटो' को लेकर जयशंकर ने क्यों भरी हुंकार?

S Jaishankar On Veto: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत कभी भी दूसरों को अपने फैसलों पर ‘वीटो’ लगाने की अनुमति नहीं देगा और वह किसी डर की परवाह किए बिना राष्ट्रीय हित और वैश्विक भलाई के लिए जो भी सही होगा वह करेगा. मुंबई में एक समारोह के लिए दिए गए वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि जब भारत वैश्विक चेतना में अधिक गहराई से अंकित हो जाता है, तो इसके परिणाम वास्तव में बहुत ज़बर्दस्त होते हैं. उन्होंने कहा कि अस्वस्थ आदतों, तनावपूर्ण जीवनशैली या बार-बार होने वाली जलवायु घटनाओं से जूझ रही दुनिया में भारत की विरासत से बहुत कुछ सीखा जा सकता है, लेकिन दुनिया को तभी पता चलेगा जब देशवासी इस पर गर्व करेंगे.

बिना भारतीयता खोए भारत को आगे बढ़ना होगा
जयशंकर ने कहा कि वैश्वीकरण के युग में प्रौद्योगिकी और परंपरा को एक साथ चलना होगा. उन्होंने कहा, “भारत अवश्य ही प्रगति करेगा, लेकिन उसे अपनी भारतीयता खोए बिना ऐसा करना होगा. तभी हम बहुध्रुवीय विश्व में वास्तव में अग्रणी शक्ति के रूप में उभर पाएंगे.”

वीटो पर जयशंकर ने क्यों भरी हुंकार?
जयशंकर को 27वें ‘एसआईईएस श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती नेशनल एमिनेंस अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया है. पुरस्कार का नाम कांची कामकोटि पीठम के 68वें द्रष्टा दिवंगत श्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती के नाम पर रखा गया है. विदेश मंत्री इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए लेकिन उन्होंने अपना वीडियो संदेश भेजा. उन्होंने कहा, “स्वतंत्रता को कभी भी तटस्थता के साथ भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए. हम ‘संगत’ होने के किसी डर की परवाह किए बिना अपने राष्ट्रीय हित और वैश्विक भलाई के लिए जो भी सही होगा, वह करेंगे. भारत कभी भी दूसरों को अपने फैसलों पर वीटो लगाने की अनुमति नहीं दे सकता.” जयशंकर ने कहा कि भारत आज एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है. एक तरफ, पिछले दशक ने दिखाया है कि उसके पास क्षमताएं, आत्मविश्वास और सबसे महत्वपूर्ण बात, व्यापक मोर्चों पर विकास को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता है. इनपुट भाषा से

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