Mallikarjun Kharge: खरगे ने आरोप लगाया कि पहले सरकार ने चयन समिति से भारत के मुख्य न्यायाधीश को हटा दिया, जो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करती थी. अब सरकार हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद चुनावी जानकारी को जनता से छिपाने में लगी है.
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Election Rule Amendment: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार के चुनाव नियमों में बदलाव पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का यह कदम संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है. सरकार ने चुनाव संचालन नियम, 1961 में संशोधन करते हुए सीसीटीवी फुटेज, वेबकास्टिंग और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोक दिया है. खरगे ने इसे चुनाव आयोग की संस्थागत अखंडता को खत्म करने की "व्यवस्थित साजिश" करार दिया.
चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर प्रहार?
खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है जब मोदी सरकार ने चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर प्रहार किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि पहले सरकार ने चयन समिति से भारत के मुख्य न्यायाधीश को हटा दिया, जो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करती थी. अब सरकार हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद चुनावी जानकारी को जनता से छिपाने में लगी है.
आयोग की स्वतंत्रता पर सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने दावा किया कि कांग्रेस द्वारा की गई गंभीर शिकायतों को चुनाव आयोग ने नजरअंदाज किया है, जिससे आयोग की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े होते हैं. खरगे ने कहा कि मोदी सरकार की यह सोची-समझी साजिश चुनाव आयोग की अखंडता को खत्म करने की है. यह लोकतंत्र और संविधान की मूलभूत संरचना को कमजोर करने का प्रयास है. कांग्रेस पार्टी इस हमले के खिलाफ हर संभव कदम उठाएगी.
कानूनी चुनौती देने की बात कही..
वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इसे अस्वीकार्य बताते हुए कानूनी चुनौती देने की बात कही है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम पारदर्शिता के खिलाफ है और इसे किसी भी कीमत पर रोका जाएगा. कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि चुनाव आयोग का अब तक का रवैया अपारदर्शी और सरकार समर्थक रहा है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और निष्पक्षता से काम करना चाहिए.
चुनाव संचालन नियम, 1961 में संशोधन
बता दें कि सरकार ने चुनाव संचालन नियम, 1961 में संशोधन करते हुए सीसीटीवी फुटेज, वेबकास्टिंग और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोक दिया है. चुनाव नियम में संशोधन के पीछे तर्क दिया गया है कि इससे सीसीटीवी फुटेज और वेबकास्टिंग जैसे दस्तावेजों के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा. एजेंसी इनपुट