4 दिन से मरे हुए बेटे के साथ रहे थे 'मजबूर' मां-बाप, खुद भी हो गए बेहोश, फिर इस तरह उठा 'पर्दा'
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4 दिन से मरे हुए बेटे के साथ रहे थे 'मजबूर' मां-बाप, खुद भी हो गए बेहोश, फिर इस तरह उठा 'पर्दा'

तेलंगाना से एक दिलसोज घटना सामने आई है, यहां पर एक बुजुर्ग मां-बाप अपने 30 वर्षीय बेटे की लाश के साथ लगभग 4-5 दिनों से रह रहे थे. उन्हें इस बात की खबर ही नहीं थी कि उनका बेटा मर गया. हालांकि बाद में वो खुद भी बेहोश हो गए थे. 

4 दिन से मरे हुए बेटे के साथ रहे थे 'मजबूर' मां-बाप, खुद भी हो गए बेहोश, फिर इस तरह उठा 'पर्दा'

हैदराबाद से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक बुजुर्ग दंपत्ति चार दिनों तक अपने मरे हुए बेटे के साथ रहे थे और उन्हें पता ही नहीं था कि उनके बेटे की मौत हो चुकी है. बताया जा रहा है कि बुजुर्ग दंपत्ति देख नहीं सकते थे, उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी, जिस वजह से उनको यह पता ही नहीं चला कि उनका बेटा मर गया. साथ ही बुजुर्ग दंपत्ति भी खाना-पानी ना मिलने की वजह से बेहोश हो गए थे. 

लाश से आने लगी बदबू:

हालांकि यह सिलसिला ना जाने कितने दिनों तक चलता रहता लेकिन शव की सड़ने की बदबू पड़ोसियों तक जाने लगी थी. पड़ोस से आ रही बदबू के बाद उन्होंने पुलिस से संपर्क और जब पुलिस घर के अंदर पहुंची तो नजारा देखकर हैरान गई. दरअसल बुजुर्ग दंपत्ति बेहोशी की हालत में पड़े थे और उनकी 30 वर्षीय बेटा मरा पड़ा था, जिसकी लाश से बदबू आ रही थी. 

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बुजुर्गों की आवाज थी बहुत कमजोर:

नागोले पुलिस स्टेशन के स्टेशन हेड ऑफिसर सूर्य नायक ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि पुरुष और महिला की उम्र 60 से अधिक थी और उन्होंने अपने बेटे को भोजन और पानी के लिए कई बार पुकारा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. उन्होंने कहा कि उनकी आवाजें कमजोर थीं और शायद इसीलिए उनके पड़ोसी भी उन्हें सुन नहीं पाए. 

'4-5 दिन पहले हुई मौत'

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जब वे घर पहुंचे तो दंपत्ति अर्ध-चेतन अवस्था में थे. उन्हें बचाया गया, भोजन और पानी दिया गया. श्री नायक ने कहा कि दंपत्ति के बेटे की मौत लगभग चार से पांच दिन पहले नींद में ही हो गई थी और उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. दम्पति का एक एक बड़ा बेटा है जो शहर के दूसरे हिस्से में रहता को भी इस घटना की सूचना दी गई और उसके माता-पिता को देखभाल की जिम्मेदारी सौंप दी गई.

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