Delhi Meerut Rapid Rail: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते अक्टूबर माह में देश की पहले रैपिड रेल को हरी झंडी दिखाई थी. रैपिड रेल की खासियत उसकी रफ्तार है. यह 180 किमी प्रति घंटे की तेज स्पीड से यात्रियों को सफर का शानदार अनुभव दे रही है.
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Delhi Meerut Rapid Rail: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते अक्टूबर माह में देश की पहले रैपिड रेल को हरी झंडी दिखाई थी. रैपिड रेल की खासियत उसकी रफ्तार है. यह 180 किमी प्रति घंटे की तेज स्पीड से यात्रियों को सफर का शानदार अनुभव दे रही है. रैपिड रेल से जुड़ी अब बड़ी खबर सामने आ रही है. रैपिड रेल ही नहीं बल्कि इसके स्टेशन को रेंट पर लिया जा सकता है. आइये आपके समझाते हैं आरआटीएस की इस व्यवस्था के बारे में.
आरआरटीएस की अनूठी पहल
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) ट्रेन और परिसरों को फिल्म, डॉक्यूमेट्री और विज्ञापनों की शूटिंग के लिए किराये पर देने की नीति शनिवार को पेश की. पिछले साल अक्टूबर में पीएम मोदी ने भारत के पहले आरआरटीएस का उद्घाटन किया था. उन्होंने एक नमो भारत रैपिड ट्रांजिट ट्रेन को हरी झंडी दिखायी थी जो 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से चल सकती है.
हो सकेगी फिल्मों की शूटिंग
इसके साथ ही 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे के साहिबाबाद और दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले खंड को जनता के लिए खोल दिया गया है. अधिकारियों ने कहा कि आरआरटीएस स्टेशन और नमो भारत ट्रेन जैसे स्थान अब फिल्मों, वृत्तचित्रों और विज्ञापनों की शूटिंग के लिए अल्पकालिक किराये के लिए उपलब्ध हैं.
कैसे करना होगा आवेदन?
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने यह भी कहा कि उसके या आरआरटीएस के परिसर को 'शूटिंग के अलावा अन्य कार्यक्रमों के लिए भी किराये पर दिया जा सकता है.' अगर रात के समय (गैर-राजस्व घंटों) के दौरान नमो भारत ट्रेनों की जरूरत है तो कार्यक्रमों की बुकिंग पर भी विचार किया जा सकता है. एनसीआरटीसी ने कहा, ‘ओटीटी मंच और डिजिटल परिदृश्य के प्रसार के साथ, फीचर फिल्मों, वृत्तचित्रों और वेब श्रृंखलाओं के फिल्मांकन के लिए पृष्ठभूमि के रूप में सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों, विशेष रूप से मेट्रो रेल प्रणालियों के उपयोग में वृद्धि हुई है.'
शेड्यूल और बुकिंग शुल्क
इसमें कहा गया है, 'ऐसी गतिविधियों के लिए अपने दरवाजे खोलने का एनसीआरटीसी का निर्णय गतिशील और आधुनिक शूटिंग स्थानों की तलाश करने वाले फिल्म निर्माताओं के लिए एक आकर्षक अवसर प्रदान करता है.' एनसीआरटीसी के अनुसार, आरआरटीएस स्टेशनों को आकर्षक नीले और बेज रंगों में रंगा गया है और ये अच्छी रोशनी वाले, हवादार स्थान हैं और प्राकृतिक रोशनी से भरपूर हैं. बयान में कहा गया है, एनसीआरटीसी परिसर को किराए पर लेने के लिए शेड्यूल और बुकिंग शुल्क, जिसमें वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए अधिभोग के प्रति निर्धारित घंटे शामिल हैं, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के सभी स्टेशनों के लिए 2 लाख रुपये, नमो भारत ट्रेनों और स्टेशन के लिए 3 लाख रुपये और डिपो और अन्य स्थलों के लिए 2.5 लाख रुपये है.
82 किलोमीटर लंबा आरआरटीएस गलियारा
एनसीआरटीसी ने कहा, '82 किलोमीटर लंबा दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारा देश में लागू होने वाला भारत का अग्रणी आरआरटीएस गलियारा है. इस गलियारे में दो डिपो स्टेशन सहित 25 स्टेशन शामिल होंगे.' अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा 23 किलोमीटर हिस्से में 13 स्टेशनों के आरआरटीएस नेटवर्क के लिए स्थानीय पारगमन सेवाएं भी पेश की जाएंगी. दुहाई डिपो और मेरठ साउथ आरआरटीएस स्टेशन के बीच 25 किलोमीटर का विस्तार आरआरटीएस कॉरिडोर का अगला खंड है जिसे चालू किया जाना है. इस खंड में चार स्टेशन हैं - मुरादनगर, मोदीनगर उत्तर, मोदीनगर दक्षिण और मेरठ दक्षिण. इस खंड पर ‘ट्रायल रन’ चल रहा है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)