Kolkata News: कोलकाता के डॉक्टर रेप- मर्डर मामले की जांच कर रही सीबीआई ने आज आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और एक थाने के एसएचओ को अरेस्ट कर लिया.
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Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ रेप- मर्डर मामले में सीबीआई ने कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को अरेस्ट कर लिया है. घोष के साथ ही सीबीआई ने ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अभिजीत मंडल को भी गिरफ्तार किया है.
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या मामले में कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अभिजीत मंडल को CBI ने गिरफ्तार किया है: सूत्र
इससे पहले संदीप घोष को वित्तीय अनियमितताओं के मामले में CBI ने गिरफ्तार किया… pic.twitter.com/vJDP5DUQEJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 14, 2024
पहले हुई थी वित्तीय अनियमितता में गिरफ्तारी
बताते चलें कि सीबीआई इससे पहले डॉक्टर संदीप घोष को वित्तीय अनियमितताओं के मामले में गिरफ्तार कर चुकी थी. उनसे लगातार सीबीआई के कोलकाता हेडक्वार्टर में पूछताछ हो रही थी. इस दौरान सीबीआई ने संदीप घोष को साथ लेकर कई जगह रेड भी डाली और उनसे कई जटिल सवाल किए, जिसका वे कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए. सूत्रों के मुताबिक इसके बाद घटना में उनकी संदेहास्पद भूमिका और मिले सबूतों के आधार पर सीबीआई ने उन्हें अरेस्ट कर लिया.
थाने के एसएचओ को भी किया अरेस्ट
इसके साथ ही मामले की सही ढंग से जांच न करने और हत्या को आत्महत्या का रूप देने के आरोप में ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अभिजीत मंडल को भी गिरफ्तार किया गया है. अरेस्टिंग से पहले सीबीआई ने एसएचओ अभिजीत मंडल से कई दौर की पूछताछ की. इस दौरान उन्हें डॉक्टर के रेप- मर्डर केस की जांच में लापरवाही बरते जाने से जुड़े कई तीखे सवाल पूछे गए. सूत्रों के मुताबिक एसएचओ उन सवालों का उचित जवाब न दे सके, जिसके बाद एजेंसी ने उन्हें भी औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया.
9 अगस्त की सुबह मृत मिली थी महिला डॉक्टर
बताते चलें कि कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर 9 अगस्त की सुबह तीसरी मंजिल पर बने सेमिनार हॉल में मृत पाई गई थी. उसके साथ रेप करने के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पीड़िता को 14 गंभीर चोट लगने का पता चला था. इस मामले में पुलिस ने सिविक वालंटियर संजय रॉय को मुख्य आरोपी बताकर गिरफ्तार किया था. बाद में परिजनों की मांग पर कोलकाता हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी.