Independence Day 2022: पहली बार लाल किले पर दुनिया ने देखा भारत का ‘देसी दम’, स्वदेशी तोप से दी गई सलामी
Advertisement
trendingNow11303103

Independence Day 2022: पहली बार लाल किले पर दुनिया ने देखा भारत का ‘देसी दम’, स्वदेशी तोप से दी गई सलामी

Independence Day: प्रधानमंत्री ने इसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि, ‘‘आत्मनिर्भर भारत, हर नागरिक का, हर सरकार का, समाज की हर एक इकाई का दायित्व बन जाता है. आत्मनिर्भर भारत, ये सरकारी एजेंडा या सरकारी कार्यक्रम नहीं है. ये समाज का जनआंदोलन है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है.’’ 

स्वदेशी तोप से दी गई सलामी

India 76th Independence Day: भारत का 76वां स्वतंत्रता दिवस कई मायनों में खास रहा. पहली बार लाल किले से स्वदेशी तोप से सलामी दी गई. ध्वजारोहण के बाद उन्होंने लाल किले से राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ‘आत्मनिर्भर भारत’ कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज का जन आंदोलन है जिसे सबको मिलकर आगे बढ़ाना है. आजादी के 75 साल में पहली बार ऐसा हुआ हुआ है कि लाल किले से सलामी के लिए देश में निर्मित तोप का इस्तेमाल किया गया.’’

ये समाज का जनआंदोलन

पीएम ने कहा कि, ‘‘आत्मनिर्भर भारत, हर नागरिक का, हर सरकार का, समाज की हर एक इकाई का दायित्व बन जाता है. आत्मनिर्भर भारत, ये सरकारी एजेंडा या सरकारी कार्यक्रम नहीं है. ये समाज का जनआंदोलन है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है.’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले 25 साल की यात्रा को देश के लिए ‘‘अत्यंत महत्वपूर्ण’’ करार दिया और इस ‘‘अमृत काल’’ में विकसित भारत, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता व नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्य पालन के ‘‘पंच प्राण’’ का आह्वान किया.

अमृत महोत्सव की दी बधाई

प्रधानमंत्री ने विश्व भर में फैले हुए भारत प्रेमियों और भारतीयों को आजादी के अमृत महोत्सव की बधाई दी. उन्होंने कहा कि, ‘‘जब वह 130 करोड़ देशवासियों के सपनों को देखते हैं और उनके संकल्पों की अनुभूति करते हैं तो आने वाले 25 साल के लिए देश को ‘‘पंच प्राण’’ पर अपनी शक्ति, अपने संकल्पों और अपने सामर्थ्य को केंद्रित करना है. हमें पंच प्राण को लेकर 2047 तक चलना है, जब आजादी के 100 साल होंगे, आजादी के दीवानों के सारे सपने पूरा करने का जिम्मा उठा करके चलना है.’’

पांच प्राणों को लेकर चलने का किया अह्वान

प्रधानमंत्री ने ‘‘विकसित भारत’’ को पहला प्राण बताया और कहा कि इससे कुछ कम नहीं होना चाहिए. गुलामी की हर सोच से मुक्ति पाने को उन्होंने दूसरा प्राण बताया और कहा कि गुलामी का एक भी अंश अगर अब भी है, तो उसको किसी भी हालत में बचने नहीं देना है. प्रधानमंत्री ने विरासत पर गर्व करने को तीसरा प्राण बताया और कहा कि यही वह विरासत है जिसने भारत को स्वर्णिम काल दिया है. उन्होंने एकता और एकजुटता को चौथा प्राण और नागरिकों के कर्तव्य को पांचवां प्राण बताया.

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news