मीठे पेय पदार्थों से बढ़ सकता है स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा: शोध
Advertisement
trendingNow12551415

मीठे पेय पदार्थों से बढ़ सकता है स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा: शोध


मीठे पेय पदार्थों का ज्यादा सेवन हार्ट संबंधी बीमारियों और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाता है. इसलिए, मीठे पेय पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए.

मीठे पेय पदार्थों से बढ़ सकता है स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा: शोध

स्वीडन में किए गए एक शोध से यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आयी है कि मीठे पेय पदार्थों का अत्यधिक सेवन स्ट्रोक, दिल के दौरे और अन्य गंभीर हार्ट संबंधी बीमारियों के जोखिम को काफी हद तक बढ़ा सकता है.

इस शोध से यह भी सामने आया है कि बहुत ज्यादा चीनी का सेवन शरीर में खून की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है. इस शोध को फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित किया गया है, जिसमें मीठे पेय पदार्थों को अन्य प्रकार की चीनी की तुलना में ज्यादा हानिकारक बताया गया है.

मीठे पेय पदार्थ दिल के लिए जहर

इस शोध के अनुसार, मीठे पेय पदार्थों में मौजूद शुगर शरीर में ज्यादा तृप्ति प्रदान नहीं करते, जिसके कारण लोग इनका अधिक सेवन करने लगते हैं. इसका मतलब यह है कि व्यक्ति जब मीठे पेय का सेवन करता है, तो वह जल्दी ही फिर से भूख महसूस करता है, और इससे उसकी खपत बढ़ सकती है.

इसे भी पढ़ें- Diet Soda बढ़ा सकता है आपकी दिल की धड़कन, स्टडी में सामने आया कितना इनटेक है खतरनाक

 

दिल के मरीजों से मिला ये सबूत

यह शोध 69,705 प्रतिभागियों के डेटा पर आधारित था और इसमें पाया गया कि चीनी का अत्यधिक सेवन स्ट्रोक, हार्ट अटैक और एट्रियल फिब्रिलेशन जैसी गंभीर हार्ट डिजीज के जोखिम को बढ़ा सकता है. शोध में शहद, पेस्ट्री और कार्बोनेटेड पेय जैसे मीठे पेय पदार्थों को हार्ट डिजीज से जोड़ने वाले मुख्य कारकों के रूप में पहचाना गया.  

क्यों जरूरी स्टडी

यह शोध दो प्रमुख अध्ययनों से डेटा एकत्र करके किया गया था, जिसमें 10 वर्षों तक 25,739 प्रतिभागियों का अध्ययन किया गया. इस अध्ययन में स्ट्रोक के दो प्रकार, हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, एओर्टिक एन्यूरिज्म, एट्रियल फिब्रिलेशन और एओर्टिक स्टेनोसिस जैसी दिल संबंधी बीमारियों से संबंधित जोखिमों का मूल्यांकन किया गया. शोध के दौरान यह पाया गया कि अत्यधिक चीनी का सेवन विशेष रूप से इस्केमिक स्ट्रोक और एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म के जोखिम को बढ़ाता है. 

-एजेंसी-

Trending news