No Smoking Day: सिगरेट के धुएं को खींचना लोगों को क्यों अच्छा लगता है, जानें स्मोकिंग एडिक्शन की वजह
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No Smoking Day: सिगरेट के धुएं को खींचना लोगों को क्यों अच्छा लगता है, जानें स्मोकिंग एडिक्शन की वजह

Reason Of Smoking Addiction: सिगरेट सेहत के लिए हानिकारक होता है यह बात जानते हुए भी लोग खुद को इसके सेवन से बचा नहीं पाते हैं. आखिर सिगरेट में ऐसा क्या है जो अच्छे-अच्छों को अपना दिवाना बना देता है. आज हम आपको इस लेख में बता रहे हैं.

No Smoking Day: सिगरेट के धुएं को खींचना लोगों को क्यों अच्छा लगता है, जानें स्मोकिंग एडिक्शन की वजह

सिगरेट पीने की आदत फेफड़े के कैंसर समेत कई सारे गंभीर हेल्थ समस्याओं से संबंधित है. सिगरेट पीने का नुकसान इसके पैकेट पर बहुत ही डरावने फोटो के साथ बताया जाता है. लेकिन फिर भी लोग बिना अपनी जान की परवाह किए बगैर रोज इसका सेवन करते हैं. ऐसे में स्मोकिंग से जुड़े जोखिम के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल मार्च के दूसरे बुधवार को नो स्मोकिंग डे (No Smoking Day 2024) मनाया जाता है.

बता दें वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के आंकड़ों के मुताबिक तंबाकू के सेवन से हर साल 8 मिलियन लोगों की मौत होती है. इसमें 1.3 मिलियन वो लोग शामिल हैं जो सेकेंड हैंड स्मोकिंग करते हैं. वहीं, एक स्टडी के अनुसार भारत भर सिगरेट पीने वालों की आबादी 26 करोड़ के लगभग है.
 

सिगरेट की लत क्यों लग जाती है?

अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, सिगरेट में निकोटिन होता है जो कि एक एडिक्टिव सब्सटेंस है. इसके बॉडी में जाते ही ब्रेन का काम करने का तरीका बदल जाता है. ऐसा निकोटिन के कारण रिलीज होने वाले डोपामाइन के कारण होता है, जिससे व्यक्ति को अच्छा महसूस होता, जिसे वह बार-बार महसूस करना चाहता है.

स्मोकिंग का सेहत पर क्या असर होता है

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार, सिगरेट पीने से कैंसर, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, लंग डिजीज, डायबिटीज, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) का कारण बनता है. स्मोकिंग से तपेदिक और आंखों से जुड़ी गंभीर बीमारियों के होने का भी खतरा होता है.

रोज सिगरेट पीने वाला व्यक्ति कितना जीता है

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, एक सिगरेट व्यक्ति के जीवन के 11 मिनट को कम कर देता है. वहीं एक दूसरी स्टडी यह बताती है कि यदि कोई  30 उम्र का व्यक्ति सिगरेट पीता है तो वह अगले 35 साल तक ही जिंदा रहेगा जबकि नॉन स्मोकर के 53 साल तक जिंदा रहने की संभावना होती है.

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