Betel leaves benefits: भारतीय संस्कृति में पान के पत्ते का अहम महत्व है, जिसका उपयोग शताब्दियों से चलता आ रहा है. यह हरी पत्तियों की रूपरेखा द्वारा लाखों भारतीयों के दिलों और जीभ के स्वाद को जीत लेता है.
Trending Photos
भारतीय संस्कृति में पान के पत्ते का अहम महत्व है, जिसका उपयोग शताब्दियों से चलता आ रहा है. यह हरी पत्तियों की रूपरेखा द्वारा लाखों भारतीयों के दिलों और जीभ के स्वाद को जीत लेता है. पान के पत्ते शादियों से लेकर त्योहारों तक हर उत्सव का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो युवाओं के साथ-साथ बुजुर्गों के दिलों में भी अड़ गया है.
एक शोध के अनुसार, भारत में सालाना लगभग 1.5 से 2 करोड़ लोग पान के पत्ते खाते हैं. यह पत्ते परंपरागत तरीके से भारत के 55,000 हेक्टेयर क्षेत्र में उत्पादित की जाती है और यहां पर सालाना लगभग 900 करोड़ रुपये का प्रोडक्शन होता है. आमतौर पर, इस उत्पादन का 66 प्रतिशत पश्चिम बंगाल से आता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि पान सिर्फ मनोरंजन का ही साधन नहीं है, बल्कि इसमें कई स्वास्थ्य लाभ भी छिपे होते हैं. कब्ज की समस्या से लेकर तनाव को कम करने तक, इस आदर्श पत्ती में कई औषधीय गुण होते हैं, जो आपके स्वास्थ्य को आश्चर्यजनक परिणाम दे सकते हैं.
कब्ज
पान के पत्ते को पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर में पीएच लेवल को सामान्य रखता है और पेट से जुड़ी दिक्कतों से राहत दिलाता है. कब्ज की समस्या में इसका प्रयोग विशेष रूप से लाभकारी होता है. इसके लिए पान के पत्तों को पीसकर रात भर पानी में भिगो दें. सुबह उठकर पानी को छानकर खाली पेट पिएं. इससे आपको कब्ज की समस्या कभी नहीं होगी.
रेस्पिरेटरी सिस्टम
आयुर्वेद में खांसी, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसे सांस की बीमारी के इलाज के लिए पान के पत्तों का विशेष रूप से उपयोग किया जाता है. पत्तियों में पाए जाने वाले कंपाउंड कंजेशन को दूर करने और सांस लेने में सुधार करने में मदद करते हैं.
डायबिटीज कंट्रोल
पान के पत्तों में एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण होते हैं, जो शुगर की समस्या को नियंत्रित करने का काम करते हैं. पान के पत्ते खून में ग्लूकोज की मात्रा को बढ़ने से रोकते हैं. टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों को सुबह खाली पेट इसकी पत्तियों को चबाकर खाने से लाभ होता है.
तनाव कम
पान के पत्ते चबाने से तनाव और एंग्जाइटी से राहत मिलती है. यह शरीर और दिमाग को आराम देता है और पान के पत्तों में पाए जाने वाले फेनोलिक कंपाउंड शरीर से कार्बनिक यौगिक कैटेकोलामाइन को छोड़ते हैं. इसलिए, पान के पत्ते चबाने से बार-बार होने वाले मिजाज से बचा जा सकता है.
ओरल हेल्थ
पान के पत्तों में कई रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो सांसों की बदबू, दांतों का पीलापन, प्लाक और दांतों की सड़न से राहत दिलाते हैं. खाना खाने के बाद पान के पत्तों से बने पेस्ट को थोड़ी मात्रा में चबाने से मुंह की सेहत में लाभ होता है. यह दांत दर्द, मसूड़ों के दर्द, सूजन और मुंह के संक्रमण से भी राहत दिलाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)