HIV इंफेक्टेड लोगों को दिल की बीमारी का कितना खतरा? लैंसेट की स्टडी ने लगाया अंदाजा
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HIV इंफेक्टेड लोगों को दिल की बीमारी का कितना खतरा? लैंसेट की स्टडी ने लगाया अंदाजा

एचआईवी का संक्रमण अपने आप में कितना खतरनाक है, ये बाताने की जरूरत नहीं है, लेकिन क्या इंफेक्टेड लोगों को लाइफ रिस्क वाले हार्ट डिजीज का भी रिस्क हो सकता है? 

HIV इंफेक्टेड लोगों को दिल की बीमारी का कितना खतरा? लैंसेट की स्टडी ने लगाया अंदाजा

Cardiovascular Risk In People With HIV: अमेरिकी रिसर्चर्स की एक टीम ने पाया है कि एचआईवी से पीड़ित लोगों के लिए, मौजूदा रिसक् मॉडल ने हाई इनकम वाले देशों में महिलाओं और ब्लैक मर्दों में दिल से जुड़ी बीमारियों को कम आंका है. लैंसेट एचआईवी जर्नल में छपी एक नई स्टडी के मुताबिक, हार्ट डिजी (कार्डियोवस्कुलर डिजीज) ग्लोबल लेवल पर बीमारी और मौत का सबसे बड़ा कारण है. ये समस्या एचआईवी से पीड़ित लोगों के लिए और भी गंभीर है. 

एचआईवी इंफेक्टेड लोग कितने खतरे में?
पहले के रिसर्च में ये सवाल उठाया गया था कि क्या सामान्य तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले रिस्क प्रिडिक्शन मॉडल एचआईवी इंफेक्टेड लोगों के लिए सही काम करते हैं. खासकर, कम और मिडिल इनकम वाले देशों में एचआईवी से पीड़ित लोगों पर इन मॉडल्स का असर पूरी तरह समझा नहीं गया है.

मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल (Massachusetts General Hospital) और इंटरनेशनल रिसर्चर्स की एक टीम ने इस बात पर स्टडी की है कि मौजूदा एथेरोस्क्लेरोटिक कार्डियोवस्कुलर डिजीज (ASCVD) जोखिम अनुमान मॉडल एचआईवी संक्रमित लोगों में दिल से जुड़ी परेशानियों की भविष्यवाणी कितनी सही कर पाते हैं.

 

रिस्क का रिश्ता इनकम से

इस स्टडी में REPRIEVE (रेंडमाइज्ड ट्रायल टू प्रिवेंट वैस्कुलर इवेंट्स इन एचआईवी) डेटा का इस्तेमाल किया गया, जिसमें कम, मिडिल और हाई इनकम वाले देशों के एचआईवी संक्रमित लोगों की जानकारी शामिल थी. रिसर्चर्स ने पाया कि हाई इनकम वाले मुल्कों में महिलाओं और अश्वेत पुरुषों के लिए इन मॉडलों ने दिल से जुड़े जोखिम को कम आंका, जबकि कम और मध्यम आय वाले देशों के एचआईवी संक्रमित लोगों के लिए इन जोखिमों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया. 

नेशनल हार्ट, लंग और ब्लड इंस्टीट्यूट (NHLBI) की मेडिकल ऑफिसर पैट्रिस डेसविग-निकेंस (Patrice Desvigne-Nickens) ने कहा, "ये फाइंडिंग्स एचआईवी संक्रमित लोगों के लिए हृदय रोग जोखिम अनुमान मॉडल को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं."

उन्होंने ये भी बताया कि इस स्टडी में शामिल किए गए लोगों की विविधता के कारण, विभिन्न समूहों में इन भविष्यवाणियों की सटीकता का आकलन मुमकिन हो पाया है. इस विविधता को सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए गए थे ताकि सभी जोखिम वाले लोगों को शामिल किया जा सके. 

नए रिसर्च जरूरी
मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के मेटाबॉलिज्म यूनिट के प्रमुख स्टीवन ग्रिनस्पून (Steven Grinspoon) ने कहा, "ये स्टडी दिखाता है कि एचआईवी संक्रमित लोगों के लिए दिल की बीमारी के जोखिम का सही अनुमान लगाने के लिए रीजन स्पेसिफिक और पॉपुलेशन स्पेसिफिक मॉडल तैयार करना जरूरी है."

(इनपुट-आईएएनएस)

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