Dream Girl 2 Film Review: आयुष्मान खुराना का पुराना फॉर्म इस फिल्म में दिखता है. ड्रीम गर्ल 2 एक बार फिर आयुष्मान के युवा दर्शकों को थिएटरों में लौटाएगी. फिल्म कॉमेडी है. इस बार हीरो सिर्फ लड़की बनकर फोन पर बात नहीं कर रहा, बल्कि लड़की का वेश धारण करके एक नई दुनिया में कदम रख रहा है. थिएटर जाना चाहते हैं तो पहले पढ़ लें रिव्यू...
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Dream Girl 2 Movie Review: सीक्वल फिल्मों के लिए यह अच्छा समय है. पिछले साल दृश्यम और भूल भुलैया के सीक्वल चले. दो हफ्ते पहले गदर (Gadar 2) और ओ माई गॉड (OMG 2) के सीक्वल दर्शकों को पसंद आए. इस लिहाज से आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) की ड्रीम गर्ल 2 भी उनके फैन्स के लिए अच्छी खबर है. चंडीगढ़ करे आशिकी, अनेक, डॉक्टर जी और एन एक्शन हीरो जैसी फिल्मों में उन्होंने जिस तरह से निराश किया था, ड्रीम गर्ल 2 में काफी हद तक उसकी भरपाई करने में सफल हैं. फिल्म की स्क्रिप्ट से उन्हें बहुत सपोर्ट नहीं मिला, मगर राज शांडिल्य के लिखे संवादों तथा अन्नू कपूर, विजय राज, राजपाल यादव, मनजोत सिंह और सीमा पाहवा ने उनके साथ अच्छी टीम बनाई. यह टीम कॉमिक टाइमिंग से फिल्म को संभालती है. परेश रावल भी यहां हैं, परंतु वह इन सबके मुकाबले गंभीर हैं.
कहानी का स्टार्ट
हालांकि फिल्म की शुरुआत एंटरटेनिंग नहीं है और उसमें नयापन भी नहीं मिलता. परंतु आगे कहानी जरूर रोचक मोड़ों से गुजरती है. लेकिन क्लाइमेक्स आते-आते फिर से राइटर निराश करते हैं. कहानी करम (आयुष्मान खुराना) और परी (Ananya Pandey, अनन्या पांडे) के प्यार की है. परी के पिता की शर्त है कि जब तक करम के पास अपना घर, अच्छी नौकरी और 20-30 लाख रुपये बैंक बैलेंस न हों, शादी नहीं हो सकती. उसमें समय मिलता है, छह महीने का. यहीं कहानी करवट लेती है और करम लड़की यानी पूजा (आयुष्मान खुराना) बनकर पहले डांस बार में काम पर लगता है. फिर 50 लाख रुपये के लिए पूजा बनकर शाहरुख (अभिषेक बनर्जी) से शादी करता है. शाहरुख को डिप्रेशन से निकलवाने के लिए उसके पिता अबू सलीम (परेश रावल) यह निकाह कराते हैं. शाहरुख से पूजा के निकाह के बाद का ड्रामा काफी रोचक है क्यों पूजा का सच उसके पिता जगजीत (अन्नू कपूर) और दोस्त स्माइली (मनजोत सिंह) को ही पता है. वे कदम-कदम पर उसके साथ हैं.
टाइमिंग और डायलॉग
कहानी के बीच के रोचक ड्रामे में डांस बार के मालिक सोना भाई (विजय राज) और पूजा, सोना भाई और जुमानी (सीमा पाहवा), पूजा और जुमानी तथा जुमानी और जगजीत के ट्रेक गुदगुदाते हैं. इसके पीछे दो वजहें हैं. एक तो इन कलाकारों की टाइमिंग और दूसरा इनके लिए लिखे गए डायलॉग्स. लेना-देना बैंक के टाइगर पांडे (रंजन राज) और अबू सलीम के सौतेले बेटे शौकीन के रूप में राजपाल यादव की भूमिकाएं भी रोचक हैं. दोनों जब-जब पर्दे पर आते हैं, हंसाते हैं. इसमें संदेह नहीं कि राज शांडिल्य ने कमजोर स्क्रिप्ट को अपने दमदार संवादों से संभाला है. किरदारों की बातचीत के बीच कई मौकों पर कहानी ढीली होने या दोहराव के बावजूद इसके संवाद दर्शक के धैर्य को सहारा दिए रहते हैं.
आयुष्मान का कमाल
बतौर निर्देशक भी राज शांडिल्य फिल्म को संभाले रहे हैं. वह ऐसी कॉमेडी में बनाने में सफल हैं, जो एडल्ट होने की सीमा तक जाती हुई गुदगुदाती है. आयुष्मान खुराना शुरू से अंत तक फिल्म को अपनी मेहनत से आगे बढ़ाते हैं. वह टाइगर पांडे से टेलीफोन पर बातचीत में दर्शकों को ड्रीम गर्ल (Film Dream Girl) की भी याद दिलाते रहते हैं. एक बार फिर आयुष्मान ने साबित किया कि अच्छी स्क्रिप्ट मिले, तो कमाल कर सकते हैं. उनकी पिछली फ्लॉप फिल्में कमजोर पटकथाओं का नतीजा थीं. ड्रीम गर्ल 2 में अनन्या पांडे जरूर हैं, लेकिन उनका रोल ऐसा नहीं है कि फिल्म रोमांटिक कॉमेडी में बदल जाए. यहां उनके हिस्से में सिवा हीरोइन होने के कोई जरूरी सीन नहीं आया. न ही मिले हुए मौके में अपनी उपस्थिति से चमक सकीं.
थिएटर या फिर...
ड्रीम गर्ल 2 फैमेली एंटरटेनर नहीं है, लेकिन आप चाहें तो इसे अकेले या दोस्तों के साथ कॉमेडी के रूप में एंजॉय कर सकते हैं. फिल्म की राइटिंग पर काम होता तो इसे ज्यादा बेहतर बनाया जा सकता था. फिल्म में एडिटिंग की कसावट कहीं-कहीं अखरती है. कहीं-कहीं फिल्म अचानक एक से दूसरी जगह छलांग मार देती है. जबकि गीत-संगीत ठीक है. कैमरावर्क में भी उतार-चढ़ाव दिखता है. अगर आप फिल्म को थिएटर में देखते हैं तो अच्छा है, वर्ना खाली समय मिलने पर ओटीटी के लिए पैसा वसूल फिल्म है.
निर्देशकः राज शांडिल्य
सितारे: आयुष्मान खुराना, अनन्या पांडे, अन्नू कपूर, परेश रावल, विजय राज, राजपाल यादव, सीमा पाहवा, मनजोत सिंह
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