वो एक्टर, जिसने 65 साल की उम्र में किया डायरेक्टोरियल डेब्यू, बस इसलिए लग गए इतने साल
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वो एक्टर, जिसने 65 साल की उम्र में किया डायरेक्टोरियल डेब्यू, बस इसलिए लग गए इतने साल

एक एक्टर ऐसे हैं जो 44 साल की उम्र में अभिनेता बने और अब 65 साल की उम्र में डायरेक्टर बने हैं. ये कोई और नहीं बल्कि बोमन ईरानी हैं जिनकी आने वाली फिल्म द मेहता बॉयज है. इसे लेकर उन्होंने बातचीत की और बताया कि आखिर उन्हें इतना समय क्यों लग गया.

वो एक्टर, जिसने 65 साल की उम्र में किया डायरेक्टोरियल डेब्यू, बस इसलिए लग गए इतने साल

दिग्गज एक्टर बोमन ईरानी जल्द ही डायरेक्शन के क्षेत्र में कदम रख रहे हैं. वह 65 साल की उम्र में डायरेक्टोरियल डेब्यू करने जा रहे हैं. उनकी फिल्म फिल्म द मेहता बॉयज होगी. जो इंडियन फिल्म फेस्टिवल बर्लिन में भी पहुंची हैं. इस फिल्म को लेकर बोमन ईरानी ने बातचीत की और बताया कि कैसे उन्हें इतना समय लग गया.

उन्होंने निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखने के लिए इसलिए इतना समय लिया क्योंकि वह सही कहानी का इंतजार कर रहे थे, जो उन्हें ‘द मेहता बॉयज’ के रूप में मिली. यह फिल्म पिता-पुत्र की जोड़ी के बीच के तेजी से बदलते घटनाक्रम को दर्शाती है. 

बोमन ईरानी ने क्यों लगा दिया इतना समय
बोमन ईरानी ने जर्मनी में भारतीय फिल्म महोत्सव के दौरान फिल्म के बारे में कहा, “35 वर्ष की उम्र में एक फोटोग्राफर, 44 में एक अभिनेता और 65 में मैं एक निर्देशक और एक लेखक बन गया.” 

कहानी के लिए हुआ इतना इंतजार
‘द मेहता बॉयज’ शुक्रवार को शुरू हुए तीन दिवसीय फिल्म समारोह की शुरुआती फिल्म है. उन्होंने कहा कि मैं यह फिल्म पहले बनाना चाहता था, लेकिन जब समय पर कहानी नहीं आई या यह समय पर तैयार नहीं हुई, मैं निर्माण के लिए तैयार नहीं था...मैं सबकुछ अपने तरीके से करता हूं. 

‘मुन्ना भाई’ फिल्में, ‘3 इडियट्स’ और ‘खोसला का घोसला’ जैसी फिल्मों के लिए मशहूर ईरानी ने स्पष्ट किया कि ‘द मेहता बॉयज’ उनकी एकमात्र निर्देशित फिल्म नहीं होगी क्योंकि वह ‘पहले से ही दो और फिल्मों पर काम कर रहे हैं.’ ईरानी और अविनाश तिवारी अभिनीत ‘द मेहता बॉयज’ एक पिता और बेटे की कहानी है, जो एक-दूसरे से असहमत हैं, और खुद को 48 घंटे एक साथ बिताने के लिए मजबूर पाते हैं. 

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फिल्म की कहानी
यह फिल्म उनके उथल-पुथल भरे जीवन और पिता-पुत्र के रिश्ते में निहित जटिलताओं को दर्शाती है. उन्होंने कहा, “पिता और बेटों के बीच बहुत संघर्ष होता है. वैसे, मैं बस यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मेरे बेटों के साथ मेरा रिश्ता बहुत अच्छा है. हालांकि, जब बच्चा (बड़ा) होता है तो हमेशा बदलाव होता है.” ईरानी ने कहा, “रिश्ते में बदलाव आता है और आदमी को लगता है कि अब उसकी जरूरत नहीं है। और यह उसे यह महसूस कराता है कि वह बूढ़ा हो रहा है और यह हताशा ‘द मेहता बॉयज’ में दिखती है.”

इनपुट: एजेंसी

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