Ek Din Ek Film: प्रधानमंत्री 10 मिनिट के लिए पहुंचे प्रीमियर पर, लेकिन फिर पूरी फिल्म देखकर ही बाहर निकले
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Ek Din Ek Film: प्रधानमंत्री 10 मिनिट के लिए पहुंचे प्रीमियर पर, लेकिन फिर पूरी फिल्म देखकर ही बाहर निकले

Film Shaheed: शहीद भगत सिंह आज भी बेहद लोकप्रिय हैं. वह हिंदी फिल्मों के लिए ऐसे राष्ट्रीय सितारे रहे हैं, जिनकी कहानी ने हमेशा निर्माता-निर्देशकों-एक्टरों को लुभाया है. उन पर दर्जन भर फिल्में बन चुकी हैं, पंरतु मनोज कुमार स्टारर शहीद को आज भी खूब देखा-सराहा और याद किया जाता है.

 

 

Ek Din Ek Film: प्रधानमंत्री 10 मिनिट के लिए पहुंचे प्रीमियर पर, लेकिन फिर पूरी फिल्म देखकर ही बाहर निकले

Manoj Kumar Film: भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी भले ही सबसे बड़े नेता के रूप में उभरते हैं, लेकिन शहीद भगत के नाम की चमक बिल्कुल अलग है. आज भी वह युवाओं को प्रेरित करते हैं. यूं तो भगत सिंह के जीवन पर लगभग एक दर्जन फिल्में बनी हैं, परंतु इनमें मनोज कुमार द्वारा 1965 में बनाई गई शहीद का बहुत खास स्थान है. बताया जाता है कि फिल्म का निर्देशन यूं तो मनोज कुमार ने खुद किया था परंतु क्रेडिट एस. राम शर्मा के नाम आता है. यह मनोज कुमार की महत्वाकांक्षी फिल्म थी, जिसमें प्रेम चोपड़ा, आनंद कुमार, मदन पुरी, कामिनी कौशल, निरुपा रॉय जैसे चेहरे थे.

नहीं हुआ इंटरवेल
मनोज कुमार चाहते थे कि फिल्म को तमाम लोग देखें और इसका प्रचार भी खूब किया गया. तब मनोज कुमार ने व्यक्तिगत तौर पर तत्कालीन प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री से अनुरोध किया कि वह इस फिल्म को दिल्ली प्रीमियर में देखने आएं. अपनी व्यस्तता के बीच शास्त्रीजी 10 मिनट के लिए फिल्म के प्रीमियर में आने के लिए तैयार हो गए. लेकिन फिल्म शुरू होने के बाद वे इतने तल्लीन हो गए कि पूरी फिल्म देखते रहे. इस बीच मनोज कुमार ने थियेटर के फिल्म ऑपरेटर के पास जाकर धीरे से यह कह कह दिया कि वह इंटरवेल पॉइंट पर भी फिल्म न रोके. पौने तीन घंटे की फिल्म एक ही बार में खत्म हुई. शास्त्रीजी से इसे देखकर बेहद भावुक हो गए और फिल्म खत्म होने के बाद उन्होंने थियेटर में 20 मिनिट तक शहीद भगत सिंह पर बातचीत की. फिल्म की पूरी टीम को अगले दिन चाय पीने के लिए अपने आवास पर बुलाया.

तो होते राजेश खन्ना भी
इस फिल्म ने 3 राष्ट्रीय पुरस्कार जीते थे. मनोज कुमार ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से पुरस्कार लेने के लिए तब भगत सिंह की मां को दिल्ली निमंत्रित किया. फिल्म में प्रेम चोपड़ा का अहम रोल था. उन्होंने बाद में बताया कि निर्माता-निर्देशक फिल्म में राजेश खन्ना को लेना चाहते थे. वे उन्हें भगत सिंह के साथी सुखदेव की भूमिका दे रहे थे. लेकिन युनाइटेड प्रोड्यूसर्स संस्था के जिस टैलेंट हंट में राजेश खन्ना जीते थे, उसके निर्माताओं का पैनल उन्हें किसी भी फिल्म के हीरो से कम पर काम करने के देने के लिए तैयार नहीं था. ऐसे में यह फिल्म राजेश खन्ना के हाथ से निकल कर प्रेम चोपड़ा के पास पहुंच गई. जिसके बाद प्रेम चोपड़ा ने करियर में पीछे मुड़कर नहीं देखा. वे मनोज कुमार की फिल्मों का महत्वपूर्ण चेहरा बन गए. यह फिल्म ओटीटी जी5 या यूट्यूब पर फ्री देखी जा सकती है.

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