Ashok Tanwar: यह भी एक फैक्ट है कि अशोक तंवर को एक समय राहुल गांधी का करीबी माना जाता था. लेकिन वे हुड्डा को दोष देते हुए बीजेपी में शामिल हो गए थे. फिलहाल अब उनकी घर वापसी हो गई है. दलित समुदाय के नेता तंवर की कांग्रेस में वापसी से पार्टी को मजबूती मिलने की संभावना है.
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Haryana Chunav: हरियाणा में बीजेपी में मची भगदड़ शांत होने का नाम ही नहीं ले रही है. इसी कड़ी में ताजा मामला पूर्व सांसद अशोक तंवर का है, जब वे विधानसभा चुनाव से सिर्फ दो दिन पहले अचानक महेंद्रगढ़ जिले में राहुल गांधी की रैली में कांग्रेस में शामिल हो गए. जैसे ही राहुल अपना भाषण समाप्त कर रहे थे, मंच से एक घोषणा की गई जिसमें दर्शकों से कुछ मिनट प्रतीक्षा करने को कहा गया. इसके तुरंत बाद तंवर मंच पर आए और घोषणा की गई कि आज उनकी घर वापसी हो गई है.
खास बात यह है कि अशोक तंवर इस साल की शुरुआत में ही बीजेपी में शामिल हुए थे. तंवर ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मतभेदों के बाद 2019 में पार्टी छोड़ दी थी. फिलहाल पांच अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार शाम छह बजे समाप्त होने से कुछ घंटे पहले वह पार्टी में शामिल हुए.
यह भी एक फैक्ट है कि अशोक तंवर को एक समय राहुल गांधी का करीबी माना जाता था. दलित समुदाय के नेता तंवर की कांग्रेस में वापसी से पार्टी को मजबूती मिलने की संभावना है. कांग्रेस की हरियाणा इकाई के पूर्व अध्यक्ष तंवर ने गांधी से हाथ मिलाया और हुड्डा का अभिवादन किया, जिन्होंने उनका पार्टी में स्वागत किया और उनकी पीठ थपथपाई. मंच पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल भी मौजूद थे.
अशोक तंवर अप्रैल 2022 में आम आदमी पार्टी में भी शामिल हुए थे. इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले वह कुछ समय के लिए ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में भी रहे थे. फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अशोक तंवर को टिकट दिया था और सिरसा से वे चुनाव लड़े थे. लेकिन वे कांग्रेस की कुमारी सैलजा से हार गए थे. राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि अशोक तंवर के कांग्रेस में घर वापसी के पीछे कुमारी सैलजा का ही हाथ है. Agency input