PPC 2025: परीक्षा पे चर्चा 2025 के लिए अब तक करीब 75 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है. जो छात्र इस कार्यक्रम में शामिल होकर पीएम मोदी से सवाल पूछना चाहते हैं, वे नीचे बताए गए 8 अहम सवालों को देख सकते हैं.
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Pariksha Pe Charcha 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम "परीक्षा पे चर्चा 2025" (PPC 2025) के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जोरों पर है. यह कार्यक्रम छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 75 लाख से अधिक छात्र, 6.6 लाख शिक्षक और 1.12 लाख अभिभावक रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं. यह इंटरएक्टिव कार्यक्रम, जो अपने आठवें संस्करण में है, परीक्षा से जुड़े तनाव को कम करने और शिक्षा व सीखने पर सार्थक चर्चा करने का उद्देश्य रखता है.
क्या है "परीक्षा पे चर्चा 2025"?
परीक्षा पे चर्चा 2025 छात्रों (कक्षा 6 से 12), शिक्षकों और अभिभावकों को प्रधानमंत्री के साथ सीधे संवाद करने का अवसर प्रदान करता है.
कैसे चुने जाते हैं सवाल?
इस साल चयन प्रक्रिया में एक ऑनलाइन मल्टीपल-चॉइस क्वेश्चन (MCQ) प्रतियोगिता शामिल है, जो आधिकारिक प्लेटफॉर्म innovateindia1.mygov.in पर आयोजित की जा रही है.
प्रतिभागी 500 शब्दों तक के सवाल सबमिट कर सकते हैं, जो परीक्षा के तनाव, करियर के सपने और जीवन के लक्ष्यों जैसे विषयों पर आधारित हो सकते हैं. यह कार्यक्रम प्रैक्टिकल सुझाव देने, समग्र विकास को प्रोत्साहित करने और छात्रों को स्कूल जीवन की चुनौतियों से निपटने में मदद करने के उद्देश्य से आयोजित किया जाता है.
छात्र प्रधानमंत्री से पूछ सकते हैं ये 8 सवाल:
अगर आप परीक्षा पे चर्चा 2025 में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं, तो पीएम मोदी से पूछे जा सकने वाले कुछ उपयोगी और व्यावहारिक सवाल यहां दिए गए हैं:
1. टाइम मैनेजमेंट की समस्या:
स्कूल, कोचिंग और सेल्फ-स्टडी के बीच संतुलन बनाना मुश्किल होता है. क्या आप दैनिक दिनचर्या को प्रोडक्टिव बनाने के लिए कोई प्रैक्टिकल सुझाव दे सकते हैं?
2. कॉम्पिटिशन और दोस्ती:
परीक्षाओं के कारण दोस्तों के बीच कॉम्पिटिशन का माहौल बनता है, जिससे रिश्तों में खिंचाव आ सकता है. छात्र हेल्दी कॉम्पिटिशन के साथ अपनी दोस्ती कैसे बनाए रख सकते हैं?
3. माता-पिता की अपेक्षाएं:
कई छात्र माता-पिता की उम्मीदों के कारण कुछ विशेष स्ट्रीम या करियर को अपनाने के लिए दबाव महसूस करते हैं. हम अपनी सच्ची रुचियों को अपने माता-पिता को बिना उन्हें निराश किए कैसे व्यक्त कर सकते हैं?
4. असफलता का डर:
असफलता का डर छात्रों को एकेडमिक और अन्य गतिविधियों में साहसी कदम उठाने से रोकता है. हम इस डर को कैसे दूर करें और सीखने के लिए एक निडर दृष्टिकोण अपनाएं?
5. विषयों की प्राथमिकता:
कई सब्जेक्ट के कारण छात्र अक्सर विषयों को प्राथमिकता देने में असमर्थ रहते हैं. रिवीजन के लिए मुख्य क्षेत्रों की पहचान और उन पर ध्यान केंद्रित करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
6. शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान:
लंबे समय तक पढ़ाई और स्क्रीन का उपयोग करने से पीठ दर्द और आंखों में तनाव जैसी समस्याएं होती हैं. परीक्षा की तैयारी के दौरान शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए आप क्या सलाह देंगे?
7. परीक्षा के दौरान घबराहट:
अच्छी तैयारी के बावजूद कुछ छात्र समय और अपेक्षाओं के दबाव में परीक्षा के दौरान घबरा जाते हैं. हमें शांत रहने के लिए कौन-सी मानसिक रणनीतियां अपनानी चाहिए?
8. परिणाम स्वीकारना:
कड़ी मेहनत करने के बावजूद सभी को अच्छे अंक नहीं मिलते, जिससे आत्मविश्वास में कमी आ सकती है. छात्रों को अपने परिणामों को स्वीकारने और धैर्य बनाए रखने के लिए क्या सीखना चाहिए?
सवालों का चयन कैसे होगा?
शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि प्रयास किया जाएगा कि भारत और विदेश के विभिन्न छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के सवाल शामिल किए जाएं.