Supreme Court Decision: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों को सुप्रीम कोर्ट से झटका, अदालत ने अपील खार‍िज की
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Supreme Court Decision: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों को सुप्रीम कोर्ट से झटका, अदालत ने अपील खार‍िज की

Greater Noida Authority: न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने सात नवंबर के आदेश पर रोक लगाने की मांग करने वाली अर्जियों पर गौर करने के बाद कहा कि इस आदेश को वापस लेने का कोई औचित्य नहीं है. 

Supreme Court Decision: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों को सुप्रीम कोर्ट से झटका, अदालत ने अपील खार‍िज की

Noida Real Estate Companies: सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में काम कर रही रियल एस्टेट कंपनियों को बड़ा झटका द‍िया गया है. शीर्ष अदालत ने अपने न‍िर्णय में 7 नवंबर के आदेश को निरस्त करने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर, 2022 को बिल्डरों को पट्टे पर दी गई जमीन के बकाया भुगतान पर 8 प्रतिशत की अधिकतम दर से ब्याज वसूलने की सीमा को हटा द‍िया था. इस फैसले का मतलब था कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण रियल एस्टेट कंपनियों से जमीनों के बकाया भुगतान पर 8 प्रतिशत से ज्‍यादा की दर पर ब्याज ले सकता है.

अदालत ने कहा, आदेश वापस लेने का औचित्य नहीं
प्राध‍िकरण की तरफ ज्‍यादा ब्‍याज दर वसूले जाने पर रियल एस्टेट कंपनियों ने अदालत में अपील की थी. न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने सात नवंबर के आदेश पर रोक लगाने की मांग करने वाली अर्जियों पर गौर करने के बाद कहा कि इस आदेश को वापस लेने का कोई औचित्य नहीं है. साथ ही उसने अंतरिम अर्जियों को बिना किसी आधार का बताते हुए खारिज कर दिया. न्यायालय ने प‍िछली सात नवंबर को नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों की उस अपील को स्वीकार कर लिया था, जिसमें बिल्डरों से जमीन के पट्टे पर बकाया पर 8 प्रतिशत की दर से ब्याज लेने के 10 जून, 2020 के आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी.

आठ प्रतिशत की ब्याज दर तय हुई थी
उस आदेश में बिल्डरों पर बकाया राशि के लिए अधिकतम आठ प्रतिशत की ब्याज दर तय की गई थी. आपको बता दें नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ब‍िल्‍डरों पर प्राध‍िकरण का हजारों करोड़ रुपये का बकाया है. बकाया पूरा नहीं करने पर प्राध‍िकरण ने र‍ियल एस्‍टेट कंपन‍ियों के प्रोजेक्‍ट की रज‍िस्‍ट्री रोकी हुई है. रज‍िस्‍ट्री नहीं होने से लाखों फ्लैट खरीदार परेशान हैं और लगातार रज‍िस्‍ट्री कराने की मांग करते रहते हैं. (Input : PTI)

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