हाई स्पीड रेल लाइन कॉरपोरेशन (NHSRC) की तरफ से डेवलप की जा रही हाई-स्पीड रेल लाइन में जापान की शिंकानसेन तकनीक का यूज किया जाएगा. यह रेल मंत्रालय और भारत सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है. इसमें रोलिंग स्टॉक, सिग्नलिंग और डिजाइन स्टैंडर्ड शामिल हैं.
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Mumbai-Ahmedabad Bullet Train: मुंबई-अहमदाबाद रूट पर बुलेट ट्रेन शुरू करने के लिए तेजी से काम चल रहा है. सरकार की कोशिश है कि देश की पहली बुलेट ट्रेन को 2026 तक शुरू कर दिया जाए. इसके अलावा भारतीय रेलवे ने कई अहम इंटरसिटी कॉरिडोर में बुलेट ट्रेन के नेटवर्क का विस्तार करने की अपनी योजना का अनावरण किया. इन रूट पर बुलेट ट्रेन शुरू होने के बाद कम समय में ज्यादा यात्रा की जा सकेगी.
डीपीआर तैयार करने के लिए कहा
रेल मंत्रालय के अनुसार मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद और भी कॉरिडोर पर हाई-स्पीड ट्रेन नेटवर्क का विस्तार करने का प्लान है. रेलवे मिनिस्ट्री की तरफ से कहा गया कि उसने नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) को बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के लिए दूसरे रूट की डीपीआर (DPR) तैयार करने को कहा है. इन कॉरिडोर में दिल्ली-वाराणसी (Delhi– Varanasi), दिल्ली-अहमदाबाद (Delhi – Ahmedabad), दिल्ली-अमृतसर (Delhi – Amritsar) और मुंबई-नागपुर (Mumbai – Nagpur) शामिल है. इस तरह मुंबई-अहमदाबार समेत देश में कुल पांच रू पर बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी है.
मुंबई-अहमदाबाद HSR पर तेजी से काम चल रहा
मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (MAHSR) यानी मुंबई-अहमदाबाद HSR पर तेजी से काम चल रहा है. यह कॉरिडोर के जरिये मुंबई को गुजरात के गुजरात के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद से जोड़ा जाएगा. MAHSR भारत की पहली हाई-स्पीड रेल लाइन होगी, जिसकी अधिकतम रफ्तार 320 किमी प्रति घंटा की होगी. हाई स्पीड रेल लाइन कॉरपोरेशन (NHSRC) की तरफ से डेवलप की जा रही हाई-स्पीड रेल लाइन में जापान की शिंकानसेन तकनीक का यूज किया जाएगा. यह रेल मंत्रालय और भारत सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है. इसमें रोलिंग स्टॉक, सिग्नलिंग और डिजाइन स्टैंडर्ड शामिल हैं.
प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद बुलेट ट्रेन देश में तेज और कुशल यात्रा का नया युग शुरू करेगी. MAHSR मुंबई, ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, सूरत, वडोदरा और अहमदाबाद जैसे महाराष्ट्र और गुजरात के प्रमुख शहरों और कस्बों को जोड़ेगा. जो कि इस रूट पर करीब 508 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. ताजा रिपोर्ट के अनुसार 336 किमी पियर फाउंडेशन पूरा हो चुका है. इसके अलावा 331 किमी पियर कंस्ट्रक्शन 60 किमी गर्डर कास्टिंग और 225 किमी गर्डर लॉन्चिंग हो चुकी है. 21 किमी लंबी समुद्र के नीचे सुरंग पर भी काम शुरू हो गया है.