Tulsi: क्या है पवित्र तुलसी के पौधे को जल चढ़ाने का सही नियम? ये गलती लाती है दुर्भाग्य, हमेशा रखें इन बातों का ध्यान
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Tulsi: क्या है पवित्र तुलसी के पौधे को जल चढ़ाने का सही नियम? ये गलती लाती है दुर्भाग्य, हमेशा रखें इन बातों का ध्यान

Tulsi Vastu Tips: आप नियमित रूप से तुलसी की पूजा कर सकते हैं लेकिन शाम के समय इसे छूना नहीं चाहिए. इसके अलावा एकादशी, रविवार, चंद्र और सूर्य ग्रहण के दिनों में भी तुलसी का स्पर्श नहीं करना चाहिए.

Tulsi: क्या है पवित्र तुलसी के पौधे को जल चढ़ाने का सही नियम? ये गलती लाती है दुर्भाग्य, हमेशा रखें इन बातों का ध्यान

Vastu Tips Tulsi Plant: तुलसी के पौधे को हिंदू धर्म में बहुत महत्व दिया जाता है. तुलसी के पौधे को साक्षात देवी का रूप माना जाता है. तुलसी को धन की देवी लक्ष्मी का दर्जा दिया गया है. जाहिर है, अगर आपके जीवन में कोई आर्थिक समस्या चल रही है तो मां लक्ष्मी के रूप में तुलसी के पौधे की पूजा करने और तुलसी से जुड़े उपाय करने से आपको जरूर लाभ मिलेगा. लेकिन इससे पहले आपको यह जानना होगा कि वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में बताए गए तुलसी के मुख्य नियम क्या हैं और तुलसी के पौधे को जल चढ़ाने का सही तरीका क्या है?

तुलसी के वास्तु उपाय

आप नियमित रूप से तुलसी की पूजा कर सकते हैं लेकिन शाम के समय इसे छूना नहीं चाहिए. इसके अलावा एकादशी, रविवार, चंद्र और सूर्य ग्रहण के दिनों में भी तुलसी का स्पर्श नहीं करना चाहिए. रविवार के दिन भी तुलसी को जल नहीं चढ़ाना चाहिए. तुलसी को जल चढ़ाने के अलावा कच्चा दूध भी चढ़ा सकते हैं. मान्यता है कि दूध चढ़ाने से दुर्भाग्य दूर होता है.

तुलसी को जल चढ़ाने का सही तरीका

तुलसी के पौधे को कभी भी किचन या बाथरूम के पास नहीं रखना चाहिए. आप पूजा कक्ष की खिड़की के पास तुलसी का पौधा रख सकते हैं. यदि आप प्रतिदिन तुलसी की परिक्रमा करना चाहते हैं तो जल चढ़ाते समय तुलसी के पौधे की तीन बार परिक्रमा करें. आपको सबसे पहले सूर्य को जल और फिर तुलसी को जल चढ़ाना है. तुलसी को जल चढ़ाते समय इस मंत्र का जाप करना है 'महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी अधिक व्याधि हर नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते.'

घर में कब लगाएं तुलसी का पौधा?

अगर आपके घर में तुलसी का पौधा नहीं है और आप इसे अपने घर में लगाना चाहते हैं तो घर में तुलसी का पौधा लगाने का सबसे अच्छा समय कार्तिक का महीना है. तुलसी को मां लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है और कहा जाता है कि अगर आप तुलसी का पौधा घर में लाकर कार्तिक मास में लगाते हैं तो माता लक्ष्मी का भी घर में आगमन होता है. शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास के किसी भी गुरुवार को तुलसी का पौधा घर लाना चाहिए. गुरुवार भगवान विष्णु का दिन है और भगवान विष्णु के रूप में तुलसी भगवान कृष्ण को बहुत प्रिय हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी के पौधे को हमेशा घर के उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए. कहा जाता है कि इस दिशा में देवताओं का वास होता है. तुलसी के पौधे को घर की बालकनी या खिड़की पर लगाया जा सकता है. लेकिन वास्तु शास्त्र में दी गई दिशा का ध्यान रखना चाहिए.

इस दिशा में कभी न लगाएं तुलसी का पौधा

तुलसी के पौधे को भूलकर भी घर की दक्षिण दिशा में नहीं लगाना चाहिए. यह दिशा पितृ की होती है और अगर आप यहां तुलसी का पौधा रखते हैं तो आपको भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है. आप ईशान कोण में तुलसी का पौधा भी लगा सकते हैं. तुलसी के पौधे को कभी भी घर के प्रवेश द्वार या किसी अन्य स्थान पर नहीं लगाना चाहिए जहां कचरा रखा जाता है या चप्पल उतारी जाती है. तुलसी को सिंदूर चढ़ाने को लेकर बहुत भ्रम होता है, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी के पौधे को सिंदूर चढ़ाया जा सकता है. तुलसी के पौधे को हमेशा मिट्टी के बर्तन में रखें. प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग कदापि न करें. संभव हो तो तुलसी के पात्र में चूने या हल्दी से 'श्रीकृष्ण' लिखें. तुलसी का पौधा बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और इस ग्रह को भगवान कृष्ण का रूप माना जाता है.

मां तुलसी को इस रंगी की चुनरी ही चढ़ाएं

आप तुलसी के पत्तों को 15 दिनों तक भगवान कृष्ण के पास रख सकते हैं और जब पत्ते सूख जाएं तो आप उन्हें प्रसाद के रूप में ले सकते हैं. आमतौर पर लोग तुलसी को लाल चुनरी देते हैं, लेकिन यह मंगल का रंग है और तुलसी बुध की कारक है. बुध और मंगल मित्र नहीं हैं. बुध के अनुकूल ग्रह शुक्र और शनि हैं. इसलिए सफेद, चमकीली, नीली चुनरी तुलसी जी को अर्पित करनी चाहिए. आपको अपने घर में हमेशा 1, 3, 5 या 7 तुलसी के पौधे रखने चाहिए. 2, 4, 6 इन नंबरों में कभी भी तुलसी का पौधा नहीं रखना चाहिए. तुलसी के पौधे को कभी भी गंदे हाथों या गंदे हाथों से नहीं छूना चाहिए. ऐसा करने से मां लक्ष्मी आप पर बेहद नाराज हो सकती हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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